"तुझे फिर वही सपना आया ना ?" श्वेता आंखे चमका कर खुशी से बोली ।
"कौन सा सपना...? कोई सपना नही आया...! " कहकर खुशी उससे आंखे चुराती हुई आगे चली गई ।
"अरे , वही जिसमे तेरा राजकुमार आता है जो तुझे बारिश मे ले जाता है और तु फाइनली बारिश की बुंदो को छु पाती है...." कहकर श्वेता फिर शरारत से मुस्कुरा दी ।
खुशी , दिखने मे साधारण सी लड़की है , पर असाधारण है , कुछ तो अजीब था उसके साथ , की जब भी वो बारीश की बूंदो को छुने की कोशिश करती बारीश ही थम जाया करती , बरखा