डा. राजेश्वर उनियाल का जीवन परिचय एवं एक सुप्रसिद्ध साहित्यकार के रूप में उनकी रचनाधर्मिता का प्रकाशन ।
The poetry book originally written in Hindi by Dr .Rajeshwar Uniyal titled Shail-Sagar has now been translated in English by Shri C.P.Juyal. Shail Sagar is commonly known as Hills & Oceans or Mountain and ocean etc. The poet described Shail-Sagar as a dream having hills all around the Ocean. Poet Dr.Rajeshwar Uniyal was born in Uttrakhand which is a hilly state of India. The poet spends his childhood in hilly area and youth in Mumbai, which is situated near the b
इस संकलन में प्रस्तुत गीत-कविताएं श्रृंगार, प्रकृति, साहित्य, बाल, हास्य व्यंग्य, हिम नंदन व हाइकू आदि सात भागों के अंतर्गत कुल 51 काव्य लहरें हैं । अपनी इस काव्यकृति म
शैल सागर, डॉ. राजेश्वर उनियाल की सुंदर काव्यकृति है । आरंभ में ऐसा लगता है कि कवि ने एक काल्पनिक काव्यरचना की है, परन्तु जैसे-जैसे इसके अध्याय बढ़ते जाते हैं, वैसे-वैसे कवि ने एक ओर
हालांकि पहाड़ों में जीवन को जीना बहुत ही कठिन होता है, परन्तु वहां की प्रकृति, प्राकृतिक सौन्दर्य, लोगों का भोलापन व आत्मसंतोषी जीवन बहुत ही लुभावना सा लगता है । जिधर भी देखें, सब
डरना नहीं पर... डा. राजेश्वर उनियाल की लिखी हुई दस डरावनी कहानियों का संकलन है । इसमें लेखक ने विभिन्न रोमांचक व अकल्पनीय बिषयों पर जिन कहानियों को प्रस्तुत किया है, उनमें से लेख
माँ भारती जय भारती .. बंधुओ, मैं अपने माँ भारती जय भारती.. नामक एक गीत रुपी पुष्प, जिसे उत्तराखंड मूल के मुंबईवासी लोक Read More...
तीलू रौतेली - इतिहास के पन्नों पर विलुप्त वीरांगना डा. राजेश्वर उनियाल uniyalsir@gmail.com/09869116784/8369463319 &nbs Read More...
कोरोना शब्दयुद्ध ... - डा. राजेश्वर उनियाल 9869116784/8369463319 uniyalsir@gmail.com हे सूक्ष् Read More...
2. भाग जाएगा कोरोना.. - डा. राजेश्वर उनियाल uniyalsir@gmail.com नहीं कहीं तुम घबरा जानाऔर काहे का रोना धोना,बस तुम Read More...
जनता कर्फ्यू .. - डा. राजेश्वर उनियाल uniyalsir@gmail.comयाचक बनकर आया हूँ मैंयाचना तुमसे मैं करता हूँ,घर में रहना है दिनभरयही Read More...
चूना और गेरू - डा. राजेश्वर उनियाल 9869116784 uniyalsir@gmail.com   Read More...