DR. RAJESHWAR UNIYAL

साहित्यकार Litterateur
साहित्यकार Litterateur

Dr. Rajeshwar Uniyal is a renowned & Notable person in the field of literature and is honored by the President of India for his literary works. He has been a recipient of the Maharashtra State Hindi Sahitya Akademi Award and Dr. Rajendra Prasad Award of Govt. of India.  He was born on 26 October 1959 in Srinagar Garhwal, Uttarakhand (India). He has done Post Graduate Diploma in Journalism and MA in Hindi and English. He did Ph.D. in Hindi Folk Literature specializing in Garhwali and Kumaoni Folk Literature from the University of Mumbai.  Shail Sagar, Main Himalaya Hui, Meru Uttarakhand MahanRead More...


Achievements

डा. राजेश्वर उनियाल रचनाधर्मिता

Books by डॉ. राजेश्वर उनियाल

डा. राजेश्वर उनियाल का जीवन परिचय एवं एक सुप्रसिद्ध साहित्यकार के रूप में उनकी रचनाधर्मिता का प्रकाशन । 

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MOUNT n MARINE

Books by Dr. RAJESHWAR UNIYAL

The poetry book originally written in Hindi by Dr .Rajeshwar Uniyal titled Shail-Sagar has now been translated in English by Shri C.P.Juyal. Shail Sagar is commonly known as Hills & Oceans or Mountain and ocean etc. The poet described Shail-Sagar as a dream having hills all around the Ocean. Poet Dr.Rajeshwar Uniyal was born in Uttrakhand which is a hilly state of India. The poet spends his childhood in hilly area and youth in Mumbai, which is situated near the b

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मैं हिमालय हूँ

Books by डॉ. राजेश्वर उनियाल

      इस संकलन में प्रस्तुत  गीत-कविताएं श्रृंगार, प्रकृति, साहित्य, बाल, हास्य व्यंग्य, हिम नंदन व हाइकू आदि सात भागों  के अंतर्गत कुल 51 काव्य लहरें हैं । अपनी इस काव्यकृति म

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शैल सागर

Books by डॉ. राजेश्वर उनियाल

शैल सागर, डॉ. राजेश्वर उनियाल की सुंदर काव्यकृति है । आरंभ में ऐसा लगता है कि कवि ने एक काल्पनिक काव्यरचना की है, परन्तु जैसे-जैसे इसके अध्याय बढ़ते जाते हैं, वैसे-वैसे कवि ने एक ओर

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पंदेरा

Books by डॉ. राजेश्वर उनियाल

हालांकि पहाड़ों में जीवन को जीना बहुत ही कठिन होता है, परन्तु वहां की प्रकृति, प्राकृतिक सौन्दर्य, लोगों का भोलापन व आत्मसंतोषी जीवन बहुत ही लुभावना सा लगता है । जिधर भी देखें, सब

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डरना नहीं पर...

Books by डा. राजेश् वर निनाा

 डरना नहीं पर... डा. राजेश्वर उनियाल की लिखी हुई दस डरावनी कहानियों का संकलन है । इसमें लेखक ने विभिन्न रोमांचक व अकल्पनीय बिषयों पर जिन कहानियों को प्रस्तुत किया है, उनमें से लेख

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माँ भारती जय भारती .- कविता

By DR. RAJESHWAR UNIYAL in Poetry | Reads: 1,096 | Likes: 1

माँ भारती जय भारती .. बंधुओ, मैं अपने माँ भारती जय भारती.. नामक एक गीत रुपी पुष्प, जिसे उत्तराखंड मूल के मुंबईवासी लोक  Read More...

Published on Aug 14,2020 11:37 PM

तीलू रौतेली - इतिहास के पन्नों पर विलुप्त वीरांगना

By DR. RAJESHWAR UNIYAL in War Story | Reads: 1,381 | Likes: 1

तीलू रौतेली - इतिहास के पन्नों पर विलुप्त वीरांगना          डा. राजेश्वर उनियाल uniyalsir@gmail.com/09869116784/8369463319    &nbs  Read More...

Published on May 14,2020 04:00 PM

कोरना शब्दयुद्ध

By DR. RAJESHWAR UNIYAL in Poetry | Reads: 1,086 | Likes: 0

कोरोना शब्दयुद्ध ...   - डा. राजेश्वर उनियाल          9869116784/8369463319           uniyalsir@gmail.com   हे सूक्ष्  Read More...

Published on Apr 16,2020 09:13 PM

भाग जाएगा कोरोना..

By DR. RAJESHWAR UNIYAL in Poetry | Reads: 630 | Likes: 3

2. भाग जाएगा कोरोना..      - डा. राजेश्वर उनियाल     uniyalsir@gmail.com नहीं कहीं तुम घबरा जानाऔर काहे का रोना धोना,बस तुम   Read More...

Published on Mar 22,2020 05:51 PM

जनता कर्फ्यू ..

By DR. RAJESHWAR UNIYAL in Poetry | Reads: 712 | Likes: 1

जनता कर्फ्यू ..  - डा. राजेश्वर उनियाल uniyalsir@gmail.comयाचक बनकर आया हूँ मैंयाचना तुमसे मैं करता हूँ,घर में रहना है दिनभरयही   Read More...

Published on Mar 22,2020 05:47 PM

चूना और गेरू

By DR. RAJESHWAR UNIYAL in General Literary | Reads: 1,007 | Likes: 2

चूना और गेरू         -  डा. राजेश्वर उनियाल            9869116784             uniyalsir@gmail.com    Read More...

Published on Mar 22,2020 05:39 PM

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