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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh PalUjjawal Dawna is a writer and poet who writes about human nature and emotions. His stories focus on the flaws and challenges people face in their lives. Ujjawal enjoys exploring different forms of art and creativity. He lives with his family and spends his time writing and pursuing his interests.Read More...
Ujjawal Dawna is a writer and poet who writes about human nature and emotions. His stories focus on the flaws and challenges people face in their lives. Ujjawal enjoys exploring different forms of art and creativity. He lives with his family and spends his time writing and pursuing his interests.
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किसी भी कथा के पीछे, एक अनकही दास्तान छिपी होती है। यही दास्तान इंसानी फितरत की जटिलताओं और खामियों को उजागर करती है। इस पुस्तक में, मैंने उन खामियों की कहानियाँ संजोई हैं, जो हमा
किसी भी कथा के पीछे, एक अनकही दास्तान छिपी होती है। यही दास्तान इंसानी फितरत की जटिलताओं और खामियों को उजागर करती है। इस पुस्तक में, मैंने उन खामियों की कहानियाँ संजोई हैं, जो हमारी पहचान का अनिवार्य हिस्सा हैं।
"इंसानी खामियां" उस यात्रा की दास्तान है जो आत्म-विश्लेषण और संवेदनशीलता की ओर ले जाती है। हर कहानी में, मैंने मानव स्वभाव के अंधेरे और चमकदार पहलुओं को छुआ है। ये कहानियाँ न केवल हमारी खामियों को उजागर करती हैं, बल्कि हमें उनके भीतर छिपे गहरे भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक पहलुओं को समझने का भी अवसर देती हैं।
इन कहानियों में, आप पायेंगे प्रेम और पीड़ा की जटिलताएँ, विश्वास और विश्वासघात की कशमकश, और उन क्षणों की गहराई जो हमारे जीवन को आकार देते हैं। हर पन्ने पर, मैंने सच्चाई और संवेदनशीलता को जोड़ने की कोशिश की है, ताकि पाठक अपने भीतर की खामियों को पहचान सकें और उन्हें समझ सकें।
मैंने इस संग्रह को एक अन्वेषण के रूप में प्रस्तुत किया है, जिसमें प्रत्येक कहानी एक नए अनुभव का द्वर खोलती है। मेरा विश्वास है कि ये कहानियाँ आपके दिल को छू्न के साथ-साथ, आपकी सोच को भी प्रभावित करेंगी।
इस पुस्तक की हर कहानी, इंसानी स्वभाव की अद्वितीयता और उसकी खामियों को परखने का एक प्रयास है। आप इस यात्रा में मेरे साथ शामिल हों और उन पहलुओं को खोजें, जो हमें और हमारे समाज को समझने में मदद करें।
उज्जवल दावना
किसी भी कथा के पीछे, एक अनकही दास्तान छिपी होती है। यही दास्तान इंसानी फितरत की जटिलताओं और खामियों को उजागर करती है। इस पुस्तक में, मैंने उन खामियों की कहानियाँ संजोई हैं, जो हमा
किसी भी कथा के पीछे, एक अनकही दास्तान छिपी होती है। यही दास्तान इंसानी फितरत की जटिलताओं और खामियों को उजागर करती है। इस पुस्तक में, मैंने उन खामियों की कहानियाँ संजोई हैं, जो हमारी पहचान का अनिवार्य हिस्सा हैं।
"इंसानी खामियां" उस यात्रा की दास्तान है जो आत्म-विश्लेषण और संवेदनशीलता की ओर ले जाती है। हर कहानी में, मैंने मानव स्वभाव के अंधेरे और चमकदार पहलुओं को छुआ है। ये कहानियाँ न केवल हमारी खामियों को उजागर करती हैं, बल्कि हमें उनके भीतर छिपे गहरे भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक पहलुओं को समझने का भी अवसर देती हैं।
इन कहानियों में, आप पायेंगे प्रेम और पीड़ा की जटिलताएँ, विश्वास और विश्वासघात की कशमकश, और उन क्षणों की गहराई जो हमारे जीवन को आकार देते हैं। हर पन्ने पर, मैंने सच्चाई और संवेदनशीलता को जोड़ने की कोशिश की है, ताकि पाठक अपने भीतर की खामियों को पहचान सकें और उन्हें समझ सकें।
मैंने इस संग्रह को एक अन्वेषण के रूप में प्रस्तुत किया है, जिसमें प्रत्येक कहानी एक नए अनुभव का द्वर खोलती है। मेरा विश्वास है कि ये कहानियाँ आपके दिल को छू्न के साथ-साथ, आपकी सोच को भी प्रभावित करेंगी।
इस पुस्तक की हर कहानी, इंसानी स्वभाव की अद्वितीयता और उसकी खामियों को परखने का एक प्रयास है। आप इस यात्रा में मेरे साथ शामिल हों और उन पहलुओं को खोजें, जो हमें और हमारे समाज को समझने में मदद करें।
उज्जवल दावना
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