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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh PalKalawat KL, born in Jalia II village of Ajmer district of Rajasthan district. During the training from the beginning, there was a researcher in martial arts and theater arts. In many plays, his acting talent was presented on stage. The writing and direction of many novels is continuing smoothly. Rajasthan Government and Government of India programs have been rewarded by offering their presentation. So far, written and directed new drama- 1. Muni Kumar Shrungi 2. Gurudakshina 3. Smile Please ... Papa 4. Today's Chanakya 5. 498 A. 6. F. 7. Vriddhashram 8. Vivekananda 9. The key to happy family, Read More...
Kalawat KL, born in Jalia II village of Ajmer district of Rajasthan district. During the training from the beginning, there was a researcher in martial arts and theater arts. In many plays, his acting talent was presented on stage. The writing and direction of many novels is continuing smoothly. Rajasthan Government and Government of India programs have been rewarded by offering their presentation.
So far, written and directed new drama-
1. Muni Kumar Shrungi 2. Gurudakshina 3. Smile Please ... Papa 4. Today's Chanakya 5. 498 A. 6. F. 7. Vriddhashram 8. Vivekananda 9. The key to happy family, 10. Take my life 11. Durvasa 12. Teacher 14. 15 hours of Pratap's 15 Salute Commands.
More recently, the Directorate of Women's Empowerment, Women and Child Development Department, Rajasthan Government has received Balika Garima Conservation and Honor Award. So far, nearly two lakh girls have provided self-defense in self defense. In the field of martial arts took several degrees. Attracted gold medal by participating in many national, international events. In the field of martial arts trainer also participated at the national and international level and also illuminated India's name not only Rajasthan. Schools, colleges are providing free training on women's safety. More recently, the book on "Women's Protection" has been published "Ladakaka".
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शिक्षा में विशेष आत्मरक्षा को जोड़ने से बालकों की शिक्षा में सुरक्षा के प्रति जाग्रति एवं देखभाल उत्पन्न होगी। विषयों की महत्ता समझाने के साथ प्रतिदिन विभिन्न आत्मरक्षा तकनीक
शिक्षा में विशेष आत्मरक्षा को जोड़ने से बालकों की शिक्षा में सुरक्षा के प्रति जाग्रति एवं देखभाल उत्पन्न होगी। विषयों की महत्ता समझाने के साथ प्रतिदिन विभिन्न आत्मरक्षा तकनीकों को बताने से बालकों की बुद्धि प्रखर होगी। साथ ही विभिन्न विषयों से उत्पन्न जानकारी में से आत्मरक्षा का रूप निखर कर आयेगा। दोनों के मिले जुले रूप से बालकों का सर्वांगीण विकास होगा।
" लड़ाका" महिला की पूरी सुरक्षा पुस्तक महिला सुरक्षा से संबंधित है। लड़ाका का अर्थ है, महिला सतर्क रहना, और समय पर लड़ने के लिए तैयार रहना। प्रत्येक पुस्तक में स्त्री और लड़की क
" लड़ाका" महिला की पूरी सुरक्षा पुस्तक महिला सुरक्षा से संबंधित है। लड़ाका का अर्थ है, महिला सतर्क रहना, और समय पर लड़ने के लिए तैयार रहना। प्रत्येक पुस्तक में स्त्री और लड़की की रक्षा कैसे करें, प्रत्येक पुस्तक में स्थान और समय। सरल और सटीक जानकारी प्रदान की जाती है। लेखक कलावत के.एल. महिला के काम करने के तरीकों पर शोध करने के बाद, उन्होंने काम से आत्मरक्षा के तरीकों को बनाने की कोशिश की है और महिलाओं और लड़कियों को उपलब्ध कराने के लिए इसे आसान और आसान बना दिया है। पुस्तक में उपलब्ध जानकारी महिला सुरक्षा से संबंधित है, शब्दों का प्रयोग सरल है। आशा है कि यह पुस्तक बालिकाओं और महिलाओं की सुरक्षा के लिए उपयोगी होगी।
सम्पूर्ण विश्व में आत्महत्या का ग्राफ दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। बढ़ती अन्धाधुन विकास की रफ्तार में रिश्तों, भावनाओं एवं बनाई हुई नीतियों के लिए शायद कोई स्थान नहीं रह गया है। इसी
सम्पूर्ण विश्व में आत्महत्या का ग्राफ दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। बढ़ती अन्धाधुन विकास की रफ्तार में रिश्तों, भावनाओं एवं बनाई हुई नीतियों के लिए शायद कोई स्थान नहीं रह गया है। इसीलिए ही चमकती विकास की रोशनियों के बीच कुछ रोशनी बुझ रही है। एक पल के लिए, हम सब को सोचना चाहिए। दूसरों की जीवन की समस्याओं के लिए हल ढूंढ़ना चाहिए। जीवन जीने का अधिकार सभी को है। कोई भूखा है, प्यासा है, कमजोर है। हमें निर्बल हेतु मदद करनी चाहिए। यह हमारी मानवता का धर्म है।
इस पुस्तक में बालिका एवं महिला छेड़छाड़ से सुरक्षा एवं विभिन्न स्थितियों एवं कारण पर प्रकाश डालने की कोशिश की गई है। कॉलेज, रास्ते आदि में किस प्रकार छेड़छाड़ होती है। इससे किस प्रक
इस पुस्तक में बालिका एवं महिला छेड़छाड़ से सुरक्षा एवं विभिन्न स्थितियों एवं कारण पर प्रकाश डालने की कोशिश की गई है। कॉलेज, रास्ते आदि में किस प्रकार छेड़छाड़ होती है। इससे किस प्रकार सुरक्षा करना चाहिए। बाइक पर आये मनचलों, नशाखोरों, मनोविकृत पुरूषों से किस प्रकार सुरक्षा करना है। इसके साथ ही बालिकाओं एवं महिला का श्रेणीकरण कर विभिन्न स्थितियों में किस प्रकार की सुरक्षा चाहिए। परिवहन के विभिन्न स्थानों पर छेड़छाड़़ से सुरक्षा किस प्रकार करनी है। यह पुस्तक बालिका एवं महिला की सुरक्षा हेतु एक प्रयास है।
बेटी परिवार की बगियॉं का ऐसा फूल है जिसकी महक समाज तक फैलती है। वह परिवार चहुँ ओर विकास करता है। मॉं, दादी, नानी भी कभी बेटी ही थी। वह मॉं भी धन्य है जो अपनी बेटी को अपने पैरों पर खड़ा
बेटी परिवार की बगियॉं का ऐसा फूल है जिसकी महक समाज तक फैलती है। वह परिवार चहुँ ओर विकास करता है। मॉं, दादी, नानी भी कभी बेटी ही थी। वह मॉं भी धन्य है जो अपनी बेटी को अपने पैरों पर खड़ा कर सक्षम बनाती है। इस नाटक में मॉं के संघर्ष के साथ बेटी भी संघर्ष करती है और कई विभिन्न स्थितियों से मुकाबला कर आगे बढ़ती है। पिता एक नशेड़ी है जो जिन भर कमा कर लाता है और दारू के नशे में उड़ा देता है। मॉं मुश्किलों का सामना कर बेटी को पढ़ाती लिखाती है ।
नाटक में दो दोस्त जंगल में मोरनी नृत्य करती है उसे देखने जाते है लेकिन तीसरे दोस्त को नहीं ले जाते है। जब दोनों दोस्त गांव से निकलते है तो कई घटनायें उत्पन्न होती है और दोनों दु
नाटक में दो दोस्त जंगल में मोरनी नृत्य करती है उसे देखने जाते है लेकिन तीसरे दोस्त को नहीं ले जाते है। जब दोनों दोस्त गांव से निकलते है तो कई घटनायें उत्पन्न होती है और दोनों दुर्घटनाओं के शिकार बनते है, गांव के पटेल से मस्तियॉं अठखेलियॉं होती है, सत्संग होता है और फिर अचानक खबर आती है कि दोस्त की छोटी बहन का अपहरण हो जाता है। फिर नाटक आगे बढ़ता है
यह नाटक राजस्थानी, हिन्दी एवं स्थानीय मिश्रित भाषा में है। जिसमें राष्ट्रीय पक्षी मोर बचाओ पर प्रकाश डाला गया, इसी नाटक के माध्यम से बीमारियों, सफाई एवं बालिका रक्षा पर भी प्र
यह नाटक राजस्थानी, हिन्दी एवं स्थानीय मिश्रित भाषा में है। जिसमें राष्ट्रीय पक्षी मोर बचाओ पर प्रकाश डाला गया, इसी नाटक के माध्यम से बीमारियों, सफाई एवं बालिका रक्षा पर भी प्रकाश डाला गया। नाटक की कहानी इस प्रकार है दो दोस्त कालू रामू मोरनी का डांस देखने की योजना बनाते है। तीसरे दोस्त भीमा को पता चलता है पर दोनों तीसरे दोस्त को नहीं ले जाते है। भोमा नाराज होता है। बारिश बन्द होने पर दोंनों दोस्त जाने के लिये तैयार होते है। रास्ते में दोनों के दादा रामचरण और घनश्याम का हिस्सा सुनाते है। किस्सा पूरा होने के बाद रास्ते में पटेल और मजदूरनी झगडते हुये मिलते है जिसे दोनों छेड़ना शुरू करते है....
कलावत के एल द्वारा लिखित हास्य नाटक में सुहागरात के दिन पति और पत्नी अपनी विशेष रात मनाते है। इस दिन पति द्वारा पत्नी का घूँघट उठाया जाता है। घूँघट उठाने पर पत्नी को तोहफा प्रदान
कलावत के एल द्वारा लिखित हास्य नाटक में सुहागरात के दिन पति और पत्नी अपनी विशेष रात मनाते है। इस दिन पति द्वारा पत्नी का घूँघट उठाया जाता है। घूँघट उठाने पर पत्नी को तोहफा प्रदान करने की प्रथा है। पति जब घूँघट उठाता है तब कई स्थितियॉं उत्पन्न होती है और घूँघट उठते उठते रह जाता है। परन्तु समय बीतता हुआ देखकर पत्नी स्वयं ही घूँघट उठाने के पीछे पड़ जाती है और कहती है कि घूँघट उठाओ जांनू। इसके बाद भी कई नाटकीय मोड़ से होते हुये अन्ततः पति पत्नी का घूँघट उठा लेता है और कहानी का अन्त होता है।
लड़का लड़की के सफेद बाल हो चुके है उम्र का आधा पडाव समाप्त हो चुका है। फिर भी कैसी सोच कैसा विचार लेकर जीवन जी रहे है। हमारा मानव समाज कितना विकसित हो चुका है। हर तरह की सुविधायें है
लड़का लड़की के सफेद बाल हो चुके है उम्र का आधा पडाव समाप्त हो चुका है। फिर भी कैसी सोच कैसा विचार लेकर जीवन जी रहे है। हमारा मानव समाज कितना विकसित हो चुका है। हर तरह की सुविधायें है। हर तरह के लड़के लड़कियॉं है। कई तो बहुत सीधे और सरल व्यक्तित्व वाले फिर भी उनकी तरफ कोई नहीं सोचता बस अपनी सोच में जीवन जी रहे है। पुस्तक वैवाहिक जीवन की कई स्थितियों पर नाटक द्वारा व्यंग्य किया है। आनन्द लें और नाटक पढ़ें------
राकेश घटनास्थल पर लड़की को बचाने की कोशिश करता है। परन्तु बलात्कारियों द्वारा उसे बेहोश कर घटना को अलग ही अंजाम देकर राकेश को मुलजिम बना दिया जाता है। इसके बाद खेल शुरू होता है। र
राकेश घटनास्थल पर लड़की को बचाने की कोशिश करता है। परन्तु बलात्कारियों द्वारा उसे बेहोश कर घटना को अलग ही अंजाम देकर राकेश को मुलजिम बना दिया जाता है। इसके बाद खेल शुरू होता है। राकेश ने उन तीनों को पहचान तो नहीं लिया उसमें से एक रसूखदार बलात्कारी द्वारा जज का चोला पहन राकेश से सारे सबूत ढंूढने की कोशिश कर सबूत समाप्त करना चाहता है। लेकिन राकेश उससे भी कई गुना अधिक चालाक निकल जाता है। सीबीआई और अपनी महिला मित्र के माध्यम से बलात्कारियों को कुछ इस तरह से सजा देता है, क्या सजा देता है नाटक पूरा पढ़ें। औरत के सम्मान और रक्षा पर आधारित पुस्तक में लेखक कलावत के. एल. ने न्याय की अभिव्यक्ति पर प्रकाश डालने की कोशिश की है।
इस पुस्तक में नवीनता है इसलिये है क्यों कि इसमें विश्व प्रसिद्ध वैज्ञानिकों पर नाटक लिखे गये है। साथ ही विश्व प्रसिद्ध महिला एवं विदुषी गार्गी पर आधारिक नाटक भी है। इसके साथ ही
इस पुस्तक में नवीनता है इसलिये है क्यों कि इसमें विश्व प्रसिद्ध वैज्ञानिकों पर नाटक लिखे गये है। साथ ही विश्व प्रसिद्ध महिला एवं विदुषी गार्गी पर आधारिक नाटक भी है। इसके साथ ही कुछ अन्य विषयों पर भी नाटक है जिसमें मानवता साफ झलकती है। जीवन बहुत सूक्ष्म है और हम इस सूक्ष्म समय में जीवन का रंग और आनन्द नहीं ले पाते है। इसलिये प्रतिपल जीवन का आनन्द लेना चाहिये और अपने विचारों को शुद्ध कर आत्मसात करना चाहिये। यही प्रेरणा लेखक इस पुस्तक के माध्यम से देना चाहते है। आशा की जाती है यह रंगमंच की नवीन प्रस्तुति कलाकारों एवं दर्शकवर्ग को पसन्द आयेगी।
इस पुस्तक में समकालीन नाटकों को शामिल किया गया है। जिन्हें विभिन्न थिएटरों पर प्रस्तुत किया गया है। ऐतिहासिक कहानियों और समाज में प्रचलित नई परिस्थितियों को प्रस्तुत किया गया
इस पुस्तक में समकालीन नाटकों को शामिल किया गया है। जिन्हें विभिन्न थिएटरों पर प्रस्तुत किया गया है। ऐतिहासिक कहानियों और समाज में प्रचलित नई परिस्थितियों को प्रस्तुत किया गया है। शुद्ध ब्रह्मज्ञानी और गुरु दक्षिणा के माध्यम से मुनि कुमार श्रृंगी दत्त के माध्यम से उत्कृष्ट कार्य करते हुए, गुरु के प्रति समर्पण, मुस्कान कृपया पापा के माध्यम से बेटी की भावनाओं को उजागर करने का प्रयास करें। लेखक ने 498A दुर्गा के रूप में अपने जीवन पर अपने पाप का पर्दाफाश किया, जो वृद्धावस्था नाटक का सम्मान नहीं करने, भारतीय संस्कृति से भटकने वाले युवाओं पर प्रकाश डालते हुए, पत्नी के खुशहाल परिवार की कुंजी है, वर्तमान में यह है नाटक शिक्षक की सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुति, समाज की घृणित सोच को उजागर करती है। पच घन्टे प्रताप के माध्यम से, लेखक ने युवाओं में जोश भरने की कोशिश की। सीमा पर जवान कैसे तैयार होते हैं। नव समकालीन समकालीन विचारों का परिचय देते हुए, एक युवा किस तरह से कड़ी मेहनत करता है, लेखक ने एक बड़ा प्रयास किया है कि नाटक सभी वर्गों को एक नया संदेश प्रदान करेगा।
एक तरफ कोरोना महामारी ने अपने पैर पसारने शुरू किये ही थे कि हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने सम्पूर्ण भारत बन्द कर दिया। सब काम बन्द। न कहीं आना और न कहीं जाना।
एक तरफ कोरोना महामारी ने अपने पैर पसारने शुरू किये ही थे कि हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने सम्पूर्ण भारत बन्द कर दिया। सब काम बन्द। न कहीं आना और न कहीं जाना। समय खाली था। अब क्या किया जाये। ऐसी स्थिति में मैंने कलम उठाई और कुछ ऐसी पक्तियों का निर्माण करने लगा कि प्रतिदिन एक कविता एक बिन्दु पर लिखने लगा। प्रतिदिन आये नवीन विचार पर कुछ पक्तियॉं लिखकर मन को तसल्ली देने लगा। इन कविताओं ने मेरे अन्दर तो साहस का संचार किया ही, कई दोस्तों, रिश्तेदारों एवं समाजसेवकों ने प्रशंसा करना शुरू कर दिया।
बस सिलसिला शुरू हो गया। दिन ऐसे कटने लगे कि दिन कब निकल जाता पता ही नहीं चलता। कविता माला में नवीन रचना हेतु नवीन विचार आते ही शरीर में एक स्फूर्ति एवं साहस का संचार उठने लगता। कई सम्पादकों एवं लेखकों ने मेरी लिखी रचना पर ऐसे शब्द अभिव्यक्त किये कि मैं विश्वास नहीं कर पा रहा था कि क्या इन पक्तियों में लिखे शब्दों को मैं ही अभिव्यक्त कर रहा हूँ या कहीं दूर कोरोना महामारी में उठे दर्द भरे मन मेरे मन से टकराकर नवीन रचना का सूत्रपात कर रहे है।
मैं आशा करता हूँ कि मेरी लिखी कुछ चन्द पक्तियॉं आपके दिल को छू जाये तो मेरी लिये यह गर्व की बात होगी। साथ ही उक्त पक्तियों को जीवन में आत्मसात कर जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा दूसरों को भी प्रदान करें।
जूस पीना स्वास्थ्य के लिये जरूरी है एवं विटामिन्स की पूर्ति हेतु आवश्यक भी है।एक जूस में दूसरा जूस मिला दिया जाये तो उसका रंग और रस बदल जाता है। परन्तु हमने कई शोधोपरान्त यह निर्
जूस पीना स्वास्थ्य के लिये जरूरी है एवं विटामिन्स की पूर्ति हेतु आवश्यक भी है।एक जूस में दूसरा जूस मिला दिया जाये तो उसका रंग और रस बदल जाता है। परन्तु हमने कई शोधोपरान्त यह निर्णय लिया कि गाजर के जूस में चुकन्दर का रस मिला जाये तो यह और स्वास्थ्यवर्धक हो जाता है।
इसी उदेश्य हेतु मनोरंजनात्मक रूप में कविता के माध्यम से गाजर चुकन्दर की एक अनोखी प्रेम कहानी है।
अन्त तक कहानी में ना गाजर कटती है ना चुकन्दर और कई घटनाओं से गुजर अन्त में चुकन्दर के रंग में गाजर रंग जाती है और दोनों सदा सदा के लिये एक दूसरे के हो जाते है। आशा करता हूँ कि यह गुदगुदाने वाली अनोखी प्रेम कहानी शायद आपके दिल को भी किसी रंग में रंग दे।
एकाभिनय मंच पर पुस्तक में लेखक द्वारा एकाभिनय के नाटकों को प्रस्तुत किया गया है। सामाजिक एवं मानवीयता के मुद्दों को अपनी लेखनी से प्रकाश डालकर उकेरने का प्रयास किया है। एक याद
एकाभिनय मंच पर पुस्तक में लेखक द्वारा एकाभिनय के नाटकों को प्रस्तुत किया गया है। सामाजिक एवं मानवीयता के मुद्दों को अपनी लेखनी से प्रकाश डालकर उकेरने का प्रयास किया है। एक याद नाटक के माध्यम से कन्या भ्रूण हत्या जैसी जघन्य हत्याओं पर प्रकाश डाला है। जान ले लो मेरी के माध्यम से कबूतर की कहानी के माध्यम से विभिन्न पक्षियों पर हो रहे अत्याचारों के मन की पीड़ा को बताया गया है। कल्पना चावला के जीवन पर आधारित नाटक कल्पना में सपनों की उड़ान के माध्यम से बालिकाओं में जोश भरने का काम किया है। कीड़ा के अन्तर्गत मानवीय सोच को दर्शाया गया है कि आज वर्तमान में हम किस प्रकार की सोच रखते है। आकर्षण के माध्यम से बलात्कार की पीड़ा और परिवार के दर्द को उजागर किया है। उक्त नाटक एकाभिनय द्वारा विभिन्न हाव-भावों द्वारा भली प्रकार से व्यक्त किये जाये ंतो निश्चित रूप से हमारे समाज में जागृति उत्पन्न होगी। इसी आशा के साथ
इस पुस्तक में वर्तमान और ऐतिहासिकता का मिश्रण लिये समकालीन रूप में नाटक प्रस्तुत किये गये है। नाटक कलाम को सलाम हमारे पूर्व राष्ट्रपति स्व. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के जीवन पर आधारित
इस पुस्तक में वर्तमान और ऐतिहासिकता का मिश्रण लिये समकालीन रूप में नाटक प्रस्तुत किये गये है। नाटक कलाम को सलाम हमारे पूर्व राष्ट्रपति स्व. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के जीवन पर आधारित है जिसमें उनके संघर्ष को दर्शाया गया है। देश को किस प्रकार उन्होंने विश्व पटल पर खड़ा किया और भारत की पहचान विश्व में मजबूती के रूप में की। आर्यभट के सटीक गणित, महर्षि दयानन्द सरस्वती के जीवन पर षड्यंत्र, हमारे प्रधानमंत्री माननीय नरेन्द्र दामोदर दास मोदी के जीवन पर छप्पन इंच का सीना, विवेकानन्द निश्चित रूप से युवाओं के जीवन को उर्जा से भर देगा। पन्नाधाय, झॉंसी की रानी, दुर्गावती, हाड़ारानी,, पदमावती जैसे ऐतिहासिक नाटकों की शौर्य एवं वीरगाथाओं द्वारा शरीर रोमांच से भर जाता है। उक्त नाटकों से वर्तमान में भारतीय संस्कृति से सरोकार होता है। हम कई वर्षों से भारतीय संस्कृति को संजोते आ रहे है। निश्चित रूप से संस्कृति को पुनजीर्वित करने का लेखक का यह प्रयास सफल सिद्ध होगा। यह आशा की जाती है।
बलात्कार का अंत पुस्तक सभी बालिका एवं महिलाओ के लिये उपयोगी है। आखिर क्या है बलात्कार की परिभाषा के साथ यह किसके द्वारा होता है, स्थितियॉं और बचने के उपाय का विस्तृत वर्णन दिया ग
बलात्कार का अंत पुस्तक सभी बालिका एवं महिलाओ के लिये उपयोगी है। आखिर क्या है बलात्कार की परिभाषा के साथ यह किसके द्वारा होता है, स्थितियॉं और बचने के उपाय का विस्तृत वर्णन दिया गया है। आने वाले समय में जब कि विश्व डिजिटल होता जा रहा है और पारिवारिक सीमायें समाप्त होती जा रही है। ऐसे समय में बलात्कार को जानना और उससे अपनी रक्षा करना महत्वपूर्ण है। किससे बात करें, कौन रक्षा करेगा और स्वयं को सुरक्षित कैसे करें। बलात्कार की अवस्था में रहकर भी बलात्कार से बचा जा सकता है। बलात्कार का पूर्ण अंत किया जा सकता है जिससे हमारे विश्व की बालिकायें, महिलायें इस दरिंदगी से बच सकती है। लेखक ने छोटा सा प्रयास किया है शायद यह पुस्तक आपके लिये उपयोगी हो।
एक तीन वर्ष का बालक था। जिसका नाम था दया। उसकी माता कोयल बड़ी दयालु थी। कोयल परिवार का बहुत अच्छे से खयाल रखती थी। पु Read More...
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