आज हम समाज में देख रहे हैं कि एक गांव में, शहर में या बस्ती में हमारे आसपास बहुत सारे परिवार रहते हैं। हम खुद भी किसी न किसी परिवार का हिस्सा हैं। परिवार के अंदर पति-पत्नी, बेटा-बेटी, मां-बाप इस तरह सगे संबंधी बहुत सारे होते हैं। परिवार में एक मुखिया होता है। उसी पुरूष के अधीन वह परिवार चलता है।
परिवार का यह रूप कब से हैं, कैसे ऐसे परिवारों का गठन हुआ। क्या यह प्रश्न आपके दिमाग में उठता है।
क्या यह निजी संपत्ति, किसी एक व्यक्ति का ऐसी चीजों पर मालिकना हक शुरू से ही चला आ रहा है। मेरा तेरा कब से शुरू हुआ। आज हम सरकार या कहें राजसत्ता भी देखते हैं। यह कैसे और कब शुरू हुई। ऐसे ही सवालों का जवाब देने की कोशिश करती है यह किताब।