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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palकभी कभी ऐसा लगता है की बहुत कुछ है कहने को मगर कोई सुनने वाला नहीं है।ये किताब उन्हीं अनकही बातें, सीने में दबी जज़्बातों के बारे में है।ये पुस्तक प्रेम,धोखा,मां बाप,जिंदगी,प्रेरक और विविध गजलों का संकलन है।लेखिका ने सामाजिक मुद्दे जैसे दहेज प्रथा,गरीबी, धर्म विवाद पर प्रकाश डालने की कोशिश की है।इन सभी हृदयस्पर्शी चित्कारों को लेखिका ने पन्नों पर शायरियों के रूप में जीवित किया है और ‘अनकही बातें’ का निर्माण किया है जो निश्चित ही पाठकों को बहुत पसंद आयेगी।अगर एक भी पाठक तक ‘अनकही बातें’ के बात पहुंचे तो लेखिका अपनी इस छोटी सी प्रयास को सार्थक समझेंगी।।
मेरी उमर से मेरे अनुभव का
अंदाजा न लगाना,
मैं एक जिंदगी भर का
तजुर्बा रखती हूं,
खुद का मोल जानती हूं;
शायद इसीलिए हमेशा सबसे ऊपर
अपने आप को रखती हूं।।
डॉ. ऐश्वर्या पात्र
डॉ ऐश्वर्या पात्र ओडिशा के भद्रक शहर की रहने वाली हैं।एमबीबीएस के बाद दो साल सरकारी अस्पताल में मेडिकल ऑफिसर की कार्य निभाने के बाद अभी अपना पोस्ट ग्रेजुएशन उत्तर प्रदेश में कर रही हैं।
उनको बचपन से ही पढ़ने और लिखने का सौक है। डॉ ऐश्वर्या बीएसजी में राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा पाटिल जी से पुरस्कृत हैं।स्कूल और कॉलेज में राज्य और जिले के वाद विवाद,सेमिनार और कविता आदि प्रतियोगिताओं में ये एक परिचित चेहरा रही हैं।
ये भले ही उनका पहला किताब है लेकिन अख़बार और पत्रिका में इनकी रचित शायरी और कविताओं को बहुत सराहा गया है।ये प्रेरणा ही उनको ये किताब लिखने की हिम्मत दी है।
जुबान नहीं अल्फाजों से
मैं अपना तखय्युल रखती हूं,
मयकादा की जरूरत नहीं मुझे;
मैं तो अपने कलम से ही
खंजर का काम करती हूं।।
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