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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palअन्तस्ताप वह तरल लावा है जो मन के किसी कोने से स्रावित होकर पूरे शरीर में संचरित हो जाता है। यह कभी हमारे रक्त में उबाल लाता है तो कभी इसकी तपिश के सामने हमारी नशों में बहता हुआ रक्त ठंडा प्रतीत होने लगता है। यह कभी हमारे मनोबल को तोड़ता हेै तो कभी हमारे इरादों को चट्टान की तरह मजबूत भी बना देता है। रक्त संबन्ध तथा भावनात्मकता के आधार पर बने रिश्तों में प्रेम, धैर्य, ईमानदारी, समर्पण, सहयोग, विश्वास, सामंजस्य आदि भावों की कमी ही प्रायः इसकी उत्पत्ति के मूल कारक होते हैं।
प्रदीप पांथ
अंतस्ताप कहानी संग्रह के लेखक प्रदीप पांथ उत्तर प्रदेश प्रांत के अमेठी जनपद निवासी हैं जो पेशे से शिक्षक हैं। इन्होंने भौतिक शास्त्र से परास्नातक व बीएड् की शिक्षा प्राप्त की है। अंतस्ताप इनकी छठीं प्रकाशित होने वाली पुस्तक है। इससे पूर्व इनके पांच काव्य संग्रह आईना, दास्तान-ए-जिंदगी, चलते रहना, उम्मीद का दिया और माटी का अभिनंदन प्रकाशित हो चुकी है। यह प्रदीप पांथ का पहला कहानी संग्रह है।
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