Experience reading like never before
Sign in to continue reading.
Discover and read thousands of books from independent authors across India
Visit the bookstore"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh PalAchievements
अन्तस्ताप वह तरल लावा है जो मन के किसी कोने से स्रावित होकर पूरे शरीर में संचरित हो जाता है। यह कभी हमारे रक्त में उबाल लाता है तो कभी इसकी तपिश के सामने हमारी नशों में बहता हुआ
अन्तस्ताप वह तरल लावा है जो मन के किसी कोने से स्रावित होकर पूरे शरीर में संचरित हो जाता है। यह कभी हमारे रक्त में उबाल लाता है तो कभी इसकी तपिश के सामने हमारी नशों में बहता हुआ रक्त ठंडा प्रतीत होने लगता है। यह कभी हमारे मनोबल को तोड़ता हेै तो कभी हमारे इरादों को चट्टान की तरह मजबूत भी बना देता है। रक्त संबन्ध तथा भावनात्मकता के आधार पर बने रिश्तों में प्रेम, धैर्य, ईमानदारी, समर्पण, सहयोग, विश्वास, सामंजस्य आदि भावों की कमी ही प्रायः इसकी उत्पत्ति के मूल कारक होते हैं।
चूंकि भूतकाल से वर्तमान और वर्तमान से भविष्य काल की बुनियाद पड़ती है इसलिए अपने इतिहास को विस्मृत कर बेहतर भविष्य की कल्पना नहीं की जा सकती है। 'माटी का अभिनंदन' काव्यांजलि उन
चूंकि भूतकाल से वर्तमान और वर्तमान से भविष्य काल की बुनियाद पड़ती है इसलिए अपने इतिहास को विस्मृत कर बेहतर भविष्य की कल्पना नहीं की जा सकती है। 'माटी का अभिनंदन' काव्यांजलि उन लोगों को भारतभूमि के गौरवशाली इतिहास से रूबरू कराने का एक प्रयास है जो अपनी संस्कृति, सभ्यता और परंपराओं को भूल बैठे हैं। प्रदीप पांथ द्वारा कृत यह काव्यांजलि निश्चय ही पाठकों में अपनी माटी के गौरव को जानने और समझने की जिज्ञासा उत्पन्न करेगी।
"उम्मीद का दिया" काव्य संग्रह में संकलित रचनाएं मानव जीवन की जटिलताओं, विसंगतियों और दिन प्रतिदिन घर गृहस्थी में जुटे आम आदमी की पीड़ाओं को देखकर- सुनकर आहत कवि की भावना काव्य का र
"उम्मीद का दिया" काव्य संग्रह में संकलित रचनाएं मानव जीवन की जटिलताओं, विसंगतियों और दिन प्रतिदिन घर गृहस्थी में जुटे आम आदमी की पीड़ाओं को देखकर- सुनकर आहत कवि की भावना काव्य का रूप लेकर प्रस्फुटित हुई हैं। जो मानव जीवन की यथार्थता को प्रदर्शित करती हैं। इस काव्य संग्रह में मानव के वर्तमान समय की विसंगतियों, अंतर्द्वंदों, निराशाओं और अंतर्विरोधों पर मनुष्यों को जीत का मंत्र उम्मीद का दिया के रूप में दिया गया है।
मनुष्य को न तो कभी मंजिल मिलती है और न ही कभी रास्ते खत्म होते हैं। और अधिक पाने की चाहत में मनुष्य एक मंजिल मिलते ही किसी दूसरी मंजिल को पाने के लिए नए रास्तों पर चल पड़ता है। मनुष्
मनुष्य को न तो कभी मंजिल मिलती है और न ही कभी रास्ते खत्म होते हैं। और अधिक पाने की चाहत में मनुष्य एक मंजिल मिलते ही किसी दूसरी मंजिल को पाने के लिए नए रास्तों पर चल पड़ता है। मनुष्य का जीवन जब तक है तब तक उसे चलते ही रहना है। रिश्ते नातों को निभाते, समाज के विभिन्न सोपानों से गुजरते हुए, तमाम भावों और विचारों को आत्मसात करते हुए व तमाम समस्याओं से संघर्ष करते हुए आगे बढ़ते रहना ही जिन्दगी है।
ज़िंदगी की अजब दास्ताँ है,
कब्र ही इसका अन्तिम मकाँ है।
कल की खातिर दिखे भागता आदमी,
ना जाने किसका गुमाँ है।।
ज़िंदगी की अजब दास्ताँ है,
कब्र ही इसका अन्तिम मकाँ है।
कल की खातिर दिखे भागता आदमी,
ना जाने किसका गुमाँ है।।
मानव का सच्चा साथी वह स्वयं खुद ही होता है। लेकिन अहंकार भाव के वशीभूत होकर वह स्वयं से ही रूबरू नहीं हो पाता। अहंकार भाव से मुक्त होकर जब कभी भी मानव मुक्त हृदय हो एकाग्रचित्त हो
मानव का सच्चा साथी वह स्वयं खुद ही होता है। लेकिन अहंकार भाव के वशीभूत होकर वह स्वयं से ही रूबरू नहीं हो पाता। अहंकार भाव से मुक्त होकर जब कभी भी मानव मुक्त हृदय हो एकाग्रचित्त होता है तो उसका स्वयं का मन, चित्त, हृदय ही उसका 'आईना' बन जाता है। यह वह क्षण होता है जब उसको सही और गलत का एहसास होता है। अहंकार भाव से मुक्त हृदय की अवस्था मानव को स्वार्थ सम्बन्धों के संकीर्ण दायरों से बाहर निकलकर शेष सृष्टि के बारे में सोचने, विचारने व सम्बन्ध स्थापित करने को उद्दत करती है। अच्छे विचारों के समावेश से न केवल व्यक्तित्व निखरता है बल्कि समाज को भी नई दिशा मिलती है। प्रदीप 'पांथ' द्वारा प्रस्तुत काव्य संग्रह 'आईना' विभिन्न विषयों पर लिखी गयी कविताओं का एक ऐसा संग्रह है जो पाठकों को समाज में फैली बुराइयों को दूर करने के लिए चिंतन को प्रेरित करेगा।
2. बाबू जीदरवाजे पर नीम के पेड़ के नीचे पड़ी कुर्सी पर बाबू जी आराम फरमाने की मुद्रा में बैठे हुए थे। घर के बरामदे में ख Read More...
Are you sure you want to close this?
You might lose all unsaved changes.
The items in your Cart will be deleted, click ok to proceed.