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Collection of poetry 'Daastaan-e-Zindagi' / 'दास्तान-ए-जिंदगी'

Author Name: Pradeep 'panth' | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

ज़िंदगी की अजब दास्ताँ है, 
कब्र ही इसका अन्तिम मकाँ है। 
कल की खातिर दिखे भागता आदमी, 
ना जाने किसका गुमाँ है।।

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प्रदीप 'पांथ'

उत्तर प्रदेश प्रांत के अमेठी जनपद की मुसाफिरखाना तहसील अंतर्गत पूरे मोहनराम तिवारी (रुदौली) गांव मेरी ( प्रदीप 'पांथ' की ) जन्मस्थली है। पिता का नाम गोकुल प्रसाद तिवारी व माता का नाम निर्मला देवी है। जन्‍म 1976 में हुआ। भौतिक शास्त्र से परास्‍नातक की उपाधि हासिल करने के बाद मैंने बीएड की उपाधि प्राप्त की। तदोपरांत बेसिक शिक्षा में शिक्षक के रूप में योगदान देना शुरू किया। लगभग एक दशक से मैं पत्रकारिता जगत से भी जुड़कर समाज की सेवा में लगा हुआ हूँ। मेरा पहला काव्‍य संग्रह 'आईना' प्रकाशित हो चुका है।  ' दास्तान-ए-जिंदगी ' मेरा दूसरा काव्‍य संग्रह है जिसमें मेरी  20 स्वरचित कविताओं को शामिल किया गया है।

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