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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palइंटरनेट पर हिंदी फिल्मों के बारे में भारी मात्रा में जानकारी उपलब्ध है। दुर्भाग्य से, यह अधिकतर विश्वसनीय नहीं है। गलतियाँ ईमानदारी से हुईं छोटी मोटी त्रुटियों से लेकर, प्रसिद्ध लोगों के साथ नकली साक्षात्कारों तक भी होती हैं। इस पुस्तक में लेखक ने 40 से 60 के दशक में जो सक्रिय थीं, ऐसी हिंदी फिल्म अभिनेत्रियों के साथ अपनी वास्तविक बातचीत का वर्णन किया है। इनमें से ज्यादातर लंबे समय से इंडस्ट्री से दूर रहीं और गुमनाम रहीं हैं। लेखक ने उन्हें खोजने और उनका साक्षात्कार करने के बहुत प्रयास किये। इन के द्वारा लेखक ने बहुत दुर्लभ और प्रामाणिक जानकारी प्राप्त की है, कई भ्रांतियों को स्पष्ट किया है और उनके बारे में अन्य प्रसिद्ध तथ्यों का खुलासा प्राप्त किया है। हम आशा करते हैं कि पाठकों को उनके बारे में पढ़ने में उतना ही आनंद आएगा जितना लेखक को इन साक्षात्कारों को प्राप्त करने और लिखने में हुआ है।
शिशिर कृष्ण शर्मा
अपने पैतृक शहर देहरादून (उत्तराखंड) में जन्मे और पले-बढ़े, और विगत 25 बरसों से मुम्बई के निवासी शिशिर कृष्ण शर्मा एक लेखक, फ़िल्म इतिहासकार, स्तंभकार, ब्लॉगर और अंग्रेज़ी से हिन्दी अनुवादक हैं| वो एक पूर्व बैंकर और पेंशनर हैं जिन्होंने पंजाब नेशनल बैंक की 18 साल की नौकरी के बाद दिसंबर 2000 में विशेष स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी| उसके बाद से वो पूरी तरह मीडिया में कार्यरत हैं|
उनके द्वारा शोध किये और लिखे गए कार्यक्रमों में प्रमुख हैं, विविध भारती के लिए 'विज्ञान पत्रिका', 'बाइस्कोप की बातें', 'सिनेयात्रा की गवाह विविध भारती', रेडियो चैनल बिग एफ़ एम 92.7 के लिए 'अन्नू कपूर शो', 'अनु मलिक शो', इंडिया टी.वी. न्यूज़ चैनल के लिए लता, अमिताभ और शाहरूख पर वृत्तचित्र, सहारा समय के धारावाहिक 'अरेंज मैरेज' और कलर्स चैनल के धारावाहिक 'जाने क्या बात हुई' के लिए संवाद लेखन , टाटा स्काई के लिए 'क्लासिक किस्से' और 'सिनेमा का सफ़र', सुधीर मिश्रा की फ़िल्म 'सिकंदर' के संवादों का अंग्रेज़ी से हिन्दी-उर्दू रूपांतरण और हिन्दी फ़िल्म 'कालापुर' का संवाद लेखन|
शिशिर कृष्ण शर्मा द्वारा टी.एल.सी., डिस्कवरी और एनिमल प्लेनेट चैनलों के लिए मूल अंग्रेज़ी से हिन्दी में रूपांतरित किये गए कार्यक्रमों में प्रमुख हैं, 'हनीमून एडवेंचर्स', 'चीज़ स्लाईस', 'नमस्ते योगा', 'आयम अलाईव', 'आय शुडंट बी अलाईव', 'गोल्ड रश अलास्का', 'राईज़िंग रीबिल्डिंग ग्राउंड ज़ीरो', 'वीयर्ड क्रीचर्स' आदि|
एक अभिनेता के रूप में भी शिशिर कृष्ण शर्मा रंगमंच, टी.वी. और सिनेमा से जुड़े रहे| हिन्दी-उर्दू नाटक 'जिस लहौर नी वेख्या' में सिकंदर मिर्ज़ा, स्टार प्लस के जादुई पेन्सिल वाले सुपरहिट बाल धारावाहिक 'शाका लाका बूम बूम' में प्रिंसिपल और साल 2016 में राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त कर चुकी कोंकणी फ़िल्म 'एनिमी?' में देश के हिन्दीभाषी गृहमंत्री की खलभूमिका को उनके अभिनय करियर में उपलब्धि के तौर पर देखा जा सकता है|
ब्लॉग 'बीते हुए दिन' के अलावा वो एक ग़ैरफ़िल्मी, साहित्यिक ब्लॉग 'व्यंग्योपासना' (www.shishirkrishnasharma.blogspot.com) का भी संचालन करते हैं| इसके अलावा 'बीते हुए दिन' के नाम से हाल ही में शुरू हुआ उनका यूट्यूब चैनल
https://www.youtube.com/channel/UCUnPJEktLmJfBoEDdAbTYbw
भी दर्शकों के बीच ख़ासी पैठ बना चुका है|
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