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Bhagwan Kapil Geeta / भगवान् कपिल गीता मनुष्य शरीर के आन्तरिक अद्रश्य सूक्ष्म अंगों का ज्ञान

Author Name: Suresh Kumar Arya | Format: Paperback | Genre : Educational & Professional | Other Details

 भगवान् ने पाँचवें अवतार में कपिल मुनि के रूप में जन्म लेकर एक विशेष ज्ञान को प्रसारित किया, जिसे सांख्य दर्शन अर्थात शरीर के पच्चीस तत्वों का ज्ञान कहते हैं। मनुष्य के जीवन में यह ज्ञान शान्ती प्रदान करता है। भागवत् महापुराण भाग-१ के स्कन्ध-३ से यह अंश लेकर बहुत ही सरल शब्दों में अनुवाद किया गया है। आशा है आप अपने व्यस्त समय में से कुछ समय निकाल कर इस कथा को पढ़ेंगे।  

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सुरेश कुमार आर्य

मनुष्य को अपना पूरा जीवनकाल सत्त ज्ञानमार्ग, सत्त कर्ममार्ग तथा सत्त भक्तिमार्ग में किस प्रकार व्यतीत करना चाहिये। इस समझ को पाकर मनुष्य पाई गई शिक्षा से सभी क्षेत्र में सफल होता है तथा सुपात्र संतानों को जन्म देकर अपना वैवाहिक जीवन सफल बना सकता है और इसी जीवन में मोक्ष पाने की कतार मेंतो लग ही सकता है। सरल भाषा में अनुवादित भगवान् कपिल गीता को ध्यान से पढ़ने पर अपने आपका अर्थात अन्तःकरण का ज्ञान प्राप्त होगा ।

            सुरेश कुमार आर्य 

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