पुस्तक के बिषय में
"चलो बनायें संस्कारित संसार "यह कृति देश भर के प्रसिद्ध रचनाकारों के वह प्रेरक विचार व समाधान हैं, जो आज हर घर परिवार, समाज, नगर, गाँव व देश की प्रथम आवश्यकता है. नयी पीढ़ी में तेजी से घटते नैतिक मूल्यों पर चिंता व्यक्त करते हुये, जैन इंजिनयर्स सोसाइटी फ़रीदाबाद इकाई द्वारा आयोजित राष्ट्रीय निबंध प्रतियोगिता का नवनीत है यह कृति.
नई पीढ़ी माता, पिता, भाई, बहिन अपने सभी परिजनों, धर्म, संस्कार, समाज, देश व नैतिक मूल्यों से हृदय से कैसे जुड़े, यह इन लेखों में समाहित है.
75 से अधिक प्राप्त आलेखों में से 32 श्रेष्ठ आलेखों को पुरस्कृत कर उन्हीं को इस कृति में समावेसित किया है. इनके लेखकों में 17 वर्ष से लेकर 77 वर्ष तक के विद्वान् मनीषी हैं, जो दिल्ली, उप्र, मप्र, महाराष्ट्र, बिहार, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, राजस्थान प्रांतो के प्रतिनिधित्व करते हैं.
इन आलेखों से आप जानेंगे कि कैसे आज भी संयुक्त परिवार,सुखी परिवार समृद्ध परिवार, सहयोगी परिवार की कल्पना को साकार किया जा सकता है.
मोबाइल, नेट, मिडिया,व विश्व भर की उन्मुक्त, फूहड़, उत्तेजक,मादक नाशवान व क्षणिक सुख देने वाली संस्कृति ने युवा पीढ़ी को उस अंधकार की ओर धकेल रखा है, जहाँ भ्रम, मृग मारिचिका के आलावा कुछ भी नहीं है.