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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Pal'चांद सा चेहरा' काव्य सँग्रह में बहुत ही दर्दभरी शायरी और ग़ज़लों का सँग्रह किया गया है. इसमें हृदय की आंतरिक भावनाओं को बहुत ही खूबसूरत ढंग से चित्रित किया गया है।
हम उम्मीद करते हैं कि ये कविता सँग्रह आपको असीम आनन्द की अनभूति कराएगा।
इसका एक एक शब्द बहुत ही गहरा भाव रखता है।
उभरते हुए कवि, गीतकार और शायर राघवेंद्र सिंह 'रघुवंशी' का यह तीसरा कविता सँग्रह है।
रघुवंशी जी का यह छठवाँ काव्य संग्रह है, इनके अन्य पांच काव्य सँग्रह 'इश्क़ गुनाह है' , 'मैं आवारा' , 'मैं मानव हूँ' , 'अधूरी मोहब्बत' और 'दर्द-ए-दिल' प्रकाशित हो हो चुके हैं। जिसमें बहुत ही हृदय स्पर्शी गीत, ग़ज़लों, कविताओं, अशआर और शायरियों का संग्रह किया गया है।
जिन्हें आप ऑनलाइन नोशन प्रेस पब्लिकेशन के स्टोर से , Amazon या Flipkart से मंगा सकते हैं।
संपर्क सूत्र-
Mob- +91 6387961897
+91 7992099065
Email- singh04211@gmail.com
"नफरतों के जहां में भी हम प्यार करते हैं,
इश्क़ का 'रघुवंशी' हम कारोबार करते हैं।
छोड़ करके जहां के सभी काम धंधों को,
दुनिया में शायरी का हम व्यापार करते हैं।।"
"दुनिया भर में मेरा कारोबार चलता है।
मैं तो 'रघुवंशी' मोहब्बत का कारोबारी हूँ।।"
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Your review has been deleted and won’t appear on the book anymore.राघवेंद्र सिंह 'रघुवंशी'
राघवेंद्र सिंह 'रघुवंशी' एक उभरते हुए यूवा कवि, गीतकार और शायर हैं जिनका जन्म 17 जुलाई सन 1997 को उत्तर प्रदेश राज्य के हमीरपुर (बुंदेलखंड) जिले में यमुना और बेतवा के संगम पर स्थित ग्राम पत्योरा में हुआ।
इनके पिता श्री रामेंद्र सिंह एक कृषक एवं माताजी श्रीमती रानी सिंह एक ग्रहणी है। प्रारंभिक शिक्षा इन्होंने अपने गांव में ही प्राप्त की। इसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए यह कानपुर नगर गए और वहां इन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की शिक्षा प्राप्त की।
वर्तमान में यह एक निजी क्षेत्र की कंपनी में कार्यरत हैं।
बचपन से ही इनकी रुचि गीत और संगीत दोनों में ही थी लेकिन किसी कारणवश ये संगीत की तालीम हासिल नहीं कर पाए ।
शुरू से ही प्राकृतिक सौंदर्य , खेत खलिहान पेड़ पौधों से इनका विशेष लगाव था और आज भी है ।
राघवेंद्र सिंह ‘रघुवंशी’ मुख्यतः श्रृंगार रस में कविताएं गीत गजल और शायरी लिखते हैं परंतु अन्य रस भी इनसे अछूते नहीं है।
रघुवंशी जी का यह चौथा काव्य संग्रह है, इनके अन्य तीन काव्य सँग्रह 'इश्क़ गुनाह है' , 'मैं आवारा' और 'मैं मानव हूँ' प्रकाशित हो हो चुके हैं। जिसमें बहुत ही हृदय स्पर्शी गीत, ग़ज़लों, कविताओं, अशआर और शायरियों का संग्रह किया गया है।
जिन्हें आप ऑनलाइन नोशन प्रेस पब्लिकेशन के स्टोर से , Amazon या Flipkart से मंगा सकते हैं।
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