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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Pal“उप सामीप्येन, निनितरां, प्राप्नुवन्ति
परब्रह्म यया विद्यया सा उपनिषद्”
अर्थात् जिस विद्या के द्वारा परब्रह्म का सामीप्य एवं तादात्म्य प्राप्त किया जाता है, वह ‘उपनिषद्’ है | उपनिषद् को वेद का शीर्ष भाग कहा गया है, वेदान्त कहा गया है, क्योंकि यह वेदों का अन्तिम (सर्वश्रेष्ठ) भाग है | दो सौ से अधिक उपनिषदों में प्रमुख्य दस उपनिषद् की मान्यता सर्वाधिक है |
चित्रकला में स्नातकोत्तर करने के बाद जब काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के वैदिक विज्ञान केंद्र में पढ़ने का मौका मिला तो मुझे वेद, उपनिषद्, श्रीमद्भगवद्गीता जैसे ग्रंथों के बारे में अधिक जानकारी मिली और अधिक से अधिक जानने की जिज्ञासा हुई | छह माह तक प्रमुख्य दस उपनिषदों को निरंतर पढ़ते रहे और एक कलाकार होने के नाते अपने अंतरात्मा में कहीं न कहीं हर एक उपनिषद् का चित्रांकन भी होता गया तथा गुरुजनों के आशीर्वाद से कैनवास पर उकेरने का प्रयास किया| बाद में दस उपनिषद् के चित्रकला के साथ "दशोपनिषदों" के सारांश के साथ दुनिया का पहला 'डिजिटल प्रिंटेड एल्बम' के रूप में प्रकाशित हुआ, जिसका विमोचन काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के वैदिक विज्ञान केंद्र के विद्वानों द्वारा किया गया |
लोगों द्वारा "दशोपनिषदों" एल्बम की बहुत सराहना हुई और एल्बम की कॉपी की भी माँग होने लगी, मगर एल्बम का खर्च बहुत अधिक होने के कारण जनमानस तक उसको पहुंचा पाना मुश्किल था। इसलिए "दशोपनिषद्" एल्बम का यह पुस्तक रूपांतरण आप सभी को सादर समर्पित है |
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नेहा सिंह
कलाकार का संक्षिप्त परिचय..
सुश्री नेहा सिंह, भारत की आध्यात्मिक राजधानी वाराणसी की एक बहुत ही प्रतिभाशाली कलाकार हैं| आपका जन्म महर्षियों की तपोस्थली बलिया उत्तर प्रदेश में हुआ है तथा माता जी गृहणी व पिता जी भारतीय सेना में कार्यरत हैं | आप काशी हिन्दू विश्वविद्दालय के वैदिक विज्ञान केंद्र के प्रथम सत्र की छात्रा हैं | आपने वाराणसी के महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ से ललित कला में स्नातकोत्तर करने के बाद भारतीय वैदिक ग्रन्थों, 'भगवद्गीता' तथा 'राम' आदि विषयों में अत्यंत रूचि होने के कारण काशी हिन्दू विश्वविद्दालय के वैदिक विज्ञान केंद्र से एक मेधावी छात्रा के रूप में अपना अध्ययन कर रही हैं ।
आपका नाम दो दो बार अलग अलग विश्व रिकॉर्ड में भी दर्ज है । सोलह लाख मोतियों से एक विशाल ‘’भारत का नक्शा’’ बनाकर पहली बार 'वर्ल्ड रिकॉर्ड्स इंडिया' में अपना नाम दर्ज किया और 449 फ़ीट कपड़े पर 38417 अँगुलियों के निशान से पूरा ‘’हनुमान चालीसा’’ लिखकर 'यूरेशिया वर्ल्ड रिकॉर्ड' में अपना दूसरा रिकॉर्ड दर्ज किया ।
अपने हाथ से बने चित्रों द्वारा विश्व का पहला 'दशोपनिषद्' का डिजिटल प्रिंटेड एल्बम का यह पुस्तक रूपांतरण है, इसमें सरल शब्दों में 'दशोपनिषद्' का सारांश हिन्दी एवं अंग्रेजी में दिया हुआ है जो अत्यंत मनोहारी दृश्य एवं ज्ञान वर्धक प्रस्तुति है ।
आप एक चित्रकार के साथ साथ एक कुशल प्राणिक हीलर, लेखिका, कवियत्री, स्वच्छंद (स्वतंत्र) समाज सेविका, कला चिकित्सक, टैरो कार्ड रीडर आदि बहुगुणी प्रतिभा की भी धनी हैं |
आपको इंटरनेशनल बिज़नेस एसोसिएशन, नई दिल्ली द्वारा ’भारत गौरव रत्न’ सम्मान प्राप्त है । उत्तर प्रदेश में दैनिक जागरण एवं कई अलग अलग संस्थाओं द्वारा यू० पी० गौरव सम्मान, नारी शक्ति सम्मान, काशी शक्ति सम्मान, सशक्त नारी-सशक्त भारत सम्मान, यू०पी० गौरव अलंकरण, हनुमत कृपा भूषण सम्मान आदि अनेकों सम्मान से सम्मानित किया गया है |
आप दशोपनिषद् के अलावा 'राम नाम शास्त्र है', 'श्रीमद् संक्षिप्त गीता', 'उपनिषद् सारांश, ' वेद विद्या की वैज्ञानिकता', 'पंचतत्व विद्या' आदि पुस्तकों की भी लेखिका हैं
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