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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palयह पृथ्वी असंख्य और असीम संभावनाओं का साक्षी है , यहाँ कोई यह नहीं बोल सकता की नियम और मर्यादाएं तोड़कर लोग नहीं जाते अपितु आज का समाज "उल्लंघन" में बड़ा निपूर्ण है ,हम सभी का जन्म हुआ है , सृजन हुआ है परन्तु यह सृजन एक ऐसे समय में हुआ है जहाँ ज्ञान के वृक्ष पर चढ़कर भी मानव जाति का भला नहीं अपितु एक लंबे समय की समस्याओं की सूचि का जाल बनाया जा रहा है जिसे आधुनिक समाज में सुविधा और विकास कार्य बोला जा रहा है |
" दुर्दशा " ग़ज़ल और नज्मों का संख्लन है, इस पुस्तक में सामाजिक दुविधा के अवसेस मिलते है , मनुष्य के जीवन की उदासी , असफलताएं , अड़चने कई तरह की बातों पर चर्चा करने का प्रयास किया गया है , अपराध , संस्कारहीन समाज ,यह छोटी सी पुस्तक एक जायका है बड़े बड़े समस्याओं का |
गौतम पात्र
गौतम पात्र जी का जन्म 6 अप्रैल 2000 को ओडिशा में हुआ था। गौतम पात्र जी ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा दिल्ली से प्राप्त की, बारहवीं उत्तीर्ण होने के बाद वे अभी स्नातक कर रहे है ,
गौतम पात्र जी पूर्व 6 वर्षो से लेखन में आत्म अभ्यास कर रहे है ,जिस दौरान वे हजारों रचनायें लिख चुके |
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