सबसे पहले मैं धन्यवाद देना चाहता हूं, अपने पूरे परिवार का जिन्होंने हमेशा मुझ पर अपना विश्वास दिखाया है। मैं हृदय तल से आभारी हु अपने कुछ साहित्यिक मित्रों का जिन्होंने मुझे प्रोत्साहित किया कि जो मेरी कविताएं, गज़लें और गीत लिखे गए हैं मेरी कलम के द्वारा, वो उत्तम श्रेणी के है और मात्र किसी डायरी का पन्ना न बन के रह जाएं। सभी ने प्रेरित किया तो अपनी कुछ चुनिंदा गज़लों को संग्रहित करके " एहसास ए बेफिक्र " के नाम से लोगो के सामने आने का साहस कर रहा हूं।