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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palजिस तरह सब कुछ पूरा नही होता उस तरह कविताएं भी हमेशा अधूरी रह जाती है और ठीक वैसे ही कहानियां भी । ऐसा इन मोहतरमा का मानना है ,
लेकिन यहाँ जोर कहानियों पर नही है यहाँ सारा नजरिया कविताओं के माध्यम से आप तक पहुँचा रही हैं ये । इनकी बातों , ख्यालों , सोच , विचार , और इनकी उलझनों को कविता में पिरो कर आप तक पहुचाने की कोशिश है ये किताब , बस एक कोशिश हैै कि कोई इन्हें जाने , बातों को समझे जो कोई नही समझता या समझना नही चाहता ।
बस इस किताब में या कहूं इस छोटी सी किताब मेंं इनके मन की उलझने और वो शोर है जो इन्होने कही और बयां नहीं की। तो पढ़िए इस किताब को और बताइये कैसी लगी कविताएं और ये लड़की जो लिखती हैं ।।
आद्या कृष्ण
लिखने का शौक तो हमेशा से ही रहा , मगर मन तब और रम गया जब एक दोस्त मिली उसने कुछ इस तरह मनोबल बढ़ाया कि कितनी तो उस पर ही कविताएं लिख डाली ।
वैसे मैं शहीदों की नगरी शाहजहांपुर , उत्तर प्रदेश से हूं , स्नातक तक पढ़ी और अभी आईएएस की तैयारी कर रही हूं और अगर मिलना है तो इंस्टाग्राम पर आसानी से मिल जाऊँगी ।
इस किताब से पहले सिर्फ इंस्टाग्राम , और लोगो के लिखा है बाकी ये पहली किताब है और दो और किताबो पर काम कर रही हूं एक कहानी की हैं और एक कविताओं की । अब अगर आप लोगो को ये किताब पसन्द आती है तो उन दो किताबो को आने में समय नही लगेगा ।।
आपकी ,
एक लड़की जो लिखती है..
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