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Ek thi Shail Baisa / एक थी शैल बाईसा

Author Name: Shraddha Arha | Format: Paperback | Genre : Literature & Fiction | Other Details

"प्यारी नलिनी !  इस समय तुम्हे हल्के मन से संबोधित कर रही हूँ या भारी से पता नहीं, किंतु एक निर्णय तक पहुँचने के बाद अब कुछ भी कठिन नहीं लग रहा। सच कहो तो जीवन में पहली बार यह भी लग रहा है कि अपने ही जीवन का कोई एक निर्णय पूर्णतः स्वयं लिया है, अन्यथा तो अब तक सभी कुछ भाबोजी-धाजी और समाज ही निर्धारित करता आया था और जो उन्होंने तय न किया वो नियति ने तय कर दिया था।"

‘एक थी शैल बाईसा’ उपन्यास शैल बाई की कहानी के साथ ही मेघ सिंह जी और केसर बाई के प्रेम और अनुराग की कहानी भी है, ये डावड़ी सरबरी बाई के रेगिस्तान से जीवन को नकारते रहने की कथा भी है। नलिनी बाई के स्थापित मूल्यों में विश्वास की और दौलत बाई के ब्याज से समाज द्वारा की जा रही नारी कंडीशनिंग की कहानी भी है। ये कहानी आज से सौ वर्ष पहले के उस राजस्थान और उसके गाँवों की कहानी है जिसकी पगडंडियाँ पक्की सड़कों के नीचे दबती जा रही है। जिसके वस्त्रों और आभूषणों की विविधता सिमट कर पतलून के बेल्ट संग बंधती जा रही है। ये कहानी उन रिवाजों की भी हैं जिन्हे़ नेत्रों से हृदय और हृदय से नेत्रों तक भर लेने की चाह होती थी और अंततः ये कहानी उन अपनों की भी है जिनके हृदय में ईर्ष्या-डाह की अग्नि रह-रह कर धधकती है और एक हरियल बाग को दावानल में बदल देती है।

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श्रद्धा आढ़ा

श्रद्धा आढ़ा

पद्य रचनाएँ -अभी  सफ़र में हूँ ( कविता संग्रह)

एक बिरहन की बात, रेल के लौटने से पहले ही, मायावी प्रेम आदि प्रकाशित कहानियाँ।

कुछ पॉडकास्ट एवं लेख प्रकाशित एवं प्रसारित। सोलह वर्ष से अधिक समय तक सरकारी सेवा में रहने के पश्चात नौकरी का मोह त्याग सम्पूर्ण रूप से हृदयग्राही कार्य पढ़ने-लिखने में सलंग्न।

सम्पर्क- 1132 प्रथम तल , ब्लॉक 33 रंगोली गार्डन्स , वैशाली नगर

जयपुर -302034

ई-मेल : shraddhaarha@yahoo.com

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