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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palयदि आप तक 'हिंदुफोबिया' पुस्तक पहुंच चुकी है तो यह पुस्तक आपके लिये नहीं है। यदि नहीं, तो यह शृंखला एक शुरुआत हो सकती है। हिंदुफोबिया पुस्तक की लंबाई को देखते हुए एक सुझाव पुस्तक को शृंखला के रूप में लाने को लेकर था। 'हिंदुफोबिया' पुस्तक अब शृंखला के रूप में प्रस्तुत है। पहली पुस्तक 'इस्लामोफोबिया' हिंदुफोबिया के सबसे बड़े शस्त्र के रूप में प्रयुक्त इस्लामिक विक्टीमहुड को समझने और वास्तविक इस्लामिक साम्राज्यवाद को समझने का प्रयास करती है। दूसरी पुस्तक 'एक पक्षीय युद्ध' हिंदुफोबिया के अन्य अस्त्रों को समझने का प्रयास करती है। इसके अतिरिक्त यह पुस्तक सांस्कृतिक युद्ध में भारतीय पक्ष के समक्ष समस्याओं और आवश्यकताओं को समझती है। तीसरी पुस्तक 'स्वर्णिम भष्मबीज' इन सभी चुनौतियों क़े समाधान और भारतीय चित्त की मूल प्रवृत्ति को वर्णित करती है। यह पुस्तक भारतीय इतिहास को इसी दॄष्टि से देखने का प्रयास करती है और भारतीयता को प्राप्त करने का एक संभावित मार्ग सुझाती है।
कुमार संवाद
मेरी अकादमिक पृष्ठभूमि कुछ लोगों के लिए मेरे कार्य को विश्वसनीय बना सकती है। मेरी आयु मेरी परिपक्वता या अपरिपक्वता की माप बन सकती है। लेकिन यह पुस्तक तब ही अपनी सही आलोचना को प्राप्त कर सकेगी जब इसको एक साधारण व्यक्ति द्वारा लिखी गई एक पुस्तक माना जाए और प्रत्येक पाठक इस पुस्तक की आलोचना का पात्र माना जाए। पुस्तक लिखना मेरा कार्य था, जो मैं कर चुका हूँ। यह पुस्तक आपके हाथ में है और इस पुस्तक की आलोचना भी, जो आपका कार्य है।
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