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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palये किताब "हमारी जिंदगी हमारे एहसास" मेरी पहली किताब है, जो की बहुत ही खास है, मेरे दिल के जज्बात है, और कहीं न कहीं इसमें हम सबके कुछ न कुछ एहसास वे जज्बात है छुपे।
मैं ये मानती हूं कि ये हमारी जिंदगी है, तो एहसास भी हमारे ही होंगे, अब चाहे वो सुख हो, दुख हो, दर्द हो, दुआ हो।
या प्रेम, आसूं, मजबूरी, हंसना रोना, जोग संजोग, तलब, कसक,
सफलता, सपने, शाम, रिश्ते, उलझने इत्यादि, बस यही तो है हमारी आपकी सबकी जीवन शैली, जीवन की किताब, जिसे मैंने एक माला में पिरोने का प्रयास किया है। यूं तो अनगिनत है ये एहसासों का कारवां पर कुछ भावपूर्ण रचना अपने लेखन के द्वारा व्यक्त किया है।
ये किताब मेरे आपके एहसास से भरे है जो मर्मशील है, दर्दपूर्ण है और प्रेरणादायक भी।
कभी न कभी हम सब के जीवन इन्हीं एहसासों तले सिमटी रहती
जिनसे हमें भागने की नहीं बल्कि
भोगने की और उनसे लड़ने की हिम्मत पैदा करने की जरूरत होती।
बस यही है हमारी जिंदगी हमारे एहसास।
आशा है जो पढ़े उनके दिल को कहीं छू जाए और मेरा लिखना सफल हो जाए।
धन्यवाद
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Your review has been deleted and won’t appear on the book anymore.पोइट्री खाखोलिया मूंदड़ा
नमस्कार, ये है पोइट्री खाखोलिया मूंदड़ा
गुवाहाटी असम से, मां कामाख्या शक्तिपीठ से, जो अपने आप में अतुलनीय है। ये तीयालिस वर्ष की कॉन्वेंट एजुकेटेड, शादीशुदा दो बच्चे है। इन्होंने एमकॉम,
म.इड, एलएलबी किया है।
मां का नाम दीपा देवी खाखोलिया है, और पिताजी का नाम देबी प्रसाद खाखोलिया है। चार बहनें वे एक भाई है, और ये अपनी जुड़वा बहन से छोटी है।
मां वे अपनी बड़ी बहन जो की डॉक्टर है, उनको अपनी प्रेरणास्त्रोत मानती है।
कॉलेज और यूनिवर्सिटी में ये कुछ समय तक लेक्चरर रही है। पर परिवार को
इन्होंने सबसे आगे रखा है, इसलिए अपने बच्चों की
बेहतर परवरिश और जिम्मेदारियों के तहत इन्हें अपने
खुद का मुकाम हासिल करना अहम न लगा और बस फिर पीछे मुड़कर न देखा, जो बीत गया सो बीत गया अपने घर परिवार की होके रह गई बस। प्रकृति को कुछ और ही मंजूर होता, लिखने की रुचि सदा रही स्कूल से ही, जो पढ़ाई, शादी, घर गृहस्ती,में गुम सी हो गई थी।
पर अब यही जीवन शैली ने फिर से इनके हाथ में कलम दे डाली, जो अब तक चल रही।
और आगे भी दुआ हो ईश्वर और उनके अपनों के आशीर्वाद से तो इसी क्षेत्र में आगे बढ़ती जायेगी। इन्होंने दो सौ से ज्यादा अंथोलॉजी में अपनी लेखनी से नवाजा है।
एक कंपीलेशन भी की है। अब ये कहानी, किताब भी लिख रही है, जो जल्द ही आने वाली। बहुत से लेखन समूह में इन्होंने अपनी लेखनी से नाम और सर्टिफिकेट्स
प्राप्त किए है।
ये इनकी पहली खुद की किताब है, जिसके प्रति बहुत ही सजग है।
लिखना सिर्फ काम नहीं बल्कि जुनून है इनके लिए जो ये हर पल जीती, और एक मुकाम अर्जित करना चाहती। साथ ही ये अंग्रेजी वे हिंदी दोनों भाषाएं में बेहद उम्दा लिखती और हर विषय पे लिखती। स्वभाव से सबकी मदद वे प्रेरणास्त्रोत का भाव रखती।
इनको चाय और संगीत से बेहद लगाव है। इनके अनुसार जीवन का एक ही स्त्रोत है :
जियो और जीने दो ।
प्रेम ही परम सत्य है।
आशा है आप सभी को इनकी रचना पसंद आए
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