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“लेखन हिन्दी से अधिक दूसरी भाषाओं में सुंदर लगता हैं" इस विचार को मिटाने के लिए इस पुस्तक “जड़ चेतन” की रचना हुई है। सम्पादक को विश्वास है कि इस पुस्तक को पढ़ने वाले व्यक्ति को ना केवल हिंदी भाषा से प्रेम होगा बल्कि प्रेरणा भी मिलेगी।
शैफाली सिंह की आयु 21 वर्ष है। इन्होंने अल्प आयु में ही लिखना शुरू कर दिया था। इनका कहना है की लेखन ही एकमात्र कार्य है जो इन्हें शांति देता हैं। यह जड़-चेतन की रचियता है और साथ ही यह इनकी पहली पुस्तक हैं। इनके माता एवं पिता दोनों ही कविताओं और लेखन में रुचि रखते हैं और इसी वातावरण में इनका पालन-पोषण हुआ। जिम्मेदारियों के चलते इनके माता- पिता ने लेखन को अधूरा छोड़ दिया परंतु इन्हें पूरा