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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palआज के दौर में हम सब हर पल अंदर ही अन्दर किसी न किसी बात के लिए ,इंसान के लिए ,जरुरत के लिए या ख्वाबों के लिए लड़ रहे होते हैं | भले ही हम शान्ति से बैठे हों लेकिन मन के भीतर कोहराम सा मचा रहता है | मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही था इसलिए मैंने अपनी किताब “जज्बात और हम” में ऐसे ही कुछ अनुभवों ,भावनाओं और इच्छाओं को शब्दों में पिरोने की कोशिश की है| किताब के पहले पन्ने से आखरीपन्ने के सफर के बीच में कोई एक लाइन ऐसी जरुर मिलेगी जो किसी न किसी की जिन्दगी से जुड़ाव रखती होगी | हमारी जिन्दगी में कभी एक सी थीम नहीं रहती हर पल कुछ न कुछ बदलता रहता है |आख़िरकार कई तरह के रंगों का मिला जुला रूप ही तो जिन्दगी है इसलिए ये किताब भी जिन्दगी के एक रंग से नहीं बल्कि कई अलग अलग रंगों से वास्ता रखती है | “जज़्बात और हम” आप सब के जीवन के किसी न किसी हिस्से से रूबरू कराती है |शब्दों की रूह को महसूस करके पढ़े और ढेर सारा प्यार दें |
धन्यवाद !
पारुल शर्मा
पारुल शर्मा, मेरा जन्म उत्तर प्रदेश में हुआ है | अपनी पढाई भी उत्तर प्रदेश में पूरी करी है | मेरे लिखने की शुरुआत मेरे कॉलेज के दिनों से हुई |डिप्लोमा इन मॉस कम्युनिकेशन एंड जर्नलिज्म शुरू करने के साथ ही मेरा लिखने का सफर भी शुरू हुआ |अखबार में आर्टिकल से लेकर कई अन्य ऑनलाइन प्लेटफार्म पर भी मैंने कविताएं और आर्टिकल लिखे हैं जिसमे बहुत से पुरस्कार और सर्टिफ़िकेट् प्राप्त हुए |कुछ दिन पत्रकारिता का भी अनुभव करा जिससे मेरी लिखावट को और मजबूती मिली है |
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