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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palआज के आधुनिक युग में जहाँ पाश्चात्य जीवन शैली व् भाषा को प्राथमिकता मिलती है वहीँ हिंदी भाषा के सौंदर्य को सहेज कर रखने की एक छोटी सी कोशिश है यह कविता संग्रह। इस पुस्तिका में कई विधाओं की कवितायेँ सम्मिलित हैं। कवितायेँ मुख्यत: सामयिक एवं प्रासंगिक हैं और कवयित्री के मनोभावों से ओतप्रोत हैं।
ललिता वैतीश्वरन
ललिता वैतीश्वरन एक स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं जिनको हिंदी और अंग्रेजी दोनों ही भाषाओँ में लिखने का शौक है।आपकी दो कविता संग्रह "रिमझिम" एवं "वर्ड्स ऑफ़ विज़र्ड्स" प्रकाशित हो चुकी हैं और आप देश-विदेश के कई संग्रहों का हिस्सा हैं । आपकी कवितायेँ आपके हृदय की भावनाओं को प्रदर्शित करती हैं । इस पुस्तिका में कवितायेँ मुख्यत: सामयिक एवं प्रासंगिक हैं और कवयित्री के मनोभावों से ओतप्रोत हैं।
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