प्रस्तुत उपन्यास एक कबूतर के माता पिता के प्रेम से लेकर उसके जन्म लेने और उसके पहली सफल उड़ान तक की कहानी है. एक गणित का सहायक प्रोफेसर चार से पांच महीने तक एक कबूतर के बच्चे पिहू के साथ खेलने को लालायित रहे और एक प्रेमी जोड़े कबूतर और कबूतरी के जीवन से स्वयं को जोड़े रखा. वो एक पंक्षी के जीवन को नजदीक से देखना चाह रहे थे और उनकी अभिलाषा भी सफल हुयी लेकिन जो उनकी लालसा थी पिहू के साथ खेलने का, वो अधुरा हीं रह गया.