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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palकमीने दोस्त देश के उन करोड़ों छात्रों की कहानी है जिनके माता-पिता अपने बच्चों की छुपी प्रतिभा का आकलन नही कर पाते और अपने सपनों को पूरा करने के लिए उन पर दबाव डालते हैं। कई बार हताश होकर उन्हे अपने हाल पर छोड़ देते हैं। यह कहानी एक ऐसे छात्र की कहानी है जिसे बचपन मे उसके शिक्षक पिता ने "मंदबुद्धि " का तमगा दे दिया था क्योकि वह आठ साल का होने के बावजूद भी स्कूल नही जाता था पर उसकी माँ को पूरा भरोसा था कि उसका बेटा जरूर पढ़ेगा और एक दिन अपने पिता से भी आगे जाकर प्रोफेसर बनेगा| माँ के भरोसे और प्यार ने बच्चे के अंदर उत्साह भर दिया और वह पूरी सिद्दत के साथ लक्ष्य को हासिल करने मे जुट गया | यह कहानी कुछ ऐसे ही छात्रों की कहानी है जो बनारस हिंदू युनिवर्सिटी मे साथ साथ पढ़े और अपने मुकाम पर पहुंच गए। इस उपन्यास मे छात्र जीवन मे आने वाली चुनौतियों, लक्ष्य हासिल करने की जिद, संवेदनाओं, जीवन के उतार-चढ़ाव,भटकाव व आपसी प्रेम का सजीव चित्रण है। यह कहानी छात्रों के लिए प्रेरणा श्रोत है।
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Your review has been deleted and won’t appear on the book anymore.राम प्रताप सिंह
लेखक का परिचय
राम प्रताप सिंह भारतीय सेना, मैकनाइज्ड इनफेंट्री रेजिमेंट व सीमा सुरक्षा बल मे एक सैनिक थे। सैन्य सेवा का उन्हे 36 वर्षों का अनुभव है। इसके अलावा उन्होने अंग्रेजी साहित्य मे पूने विश्वविद्यालय से मास्टर्स , विधि मे ग्लोबल यूनिवर्सिटी कोहिमा ,नागालैंड से मास्टर्स व इंडियन इंस्टीट्यूट आफ ह्यूमन राइट्स से मानव अधिकार मे मास्टर्स डिग्री हासिल की है। अब वह अपना पूरा समय पठन-पाठन व लेखन मे देते हैं। लेखक के जीवन के अनुभवों का निचोड़ उनकी रचनाओं मे परिलक्षित होता है| लेखक की पहली रचना है –BORDERMAN जो इंगलिश भाषा मे लिखी गई है| इनकी अन्य रचनाएँ हैं- सीमा-प्रहरी, आवारा, और कमीने दोस्त । लेखक से पत्र व्यवहार का पता- Email: rps1959@gmail.com, Mobile No 91-7000153809
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