युद्ध समाप्ति के बाद जब रथ छोड़कर उतरने की बात आई तो देवकी नंदन ने अपने मित्र अर्जुन को पहले रथ से उतार जाने के लिए कहा और उसके बाद वो जैसे ही रथ से उतरे उसके बाद पूरा रथ जलकर भाष्म हो गया | अर्जुन रुद्र तेज का प्रकोप देखते ही रह गये | इतना ही नहीं कर्ण के अमोघ वा ण से भी अर्जुन के रथ को श्री हनुमान जी ने बचाया था | अमोघ वा ण से अर्जुन के रथ को बचाने के निमित्त से उन्होंने रथ को लेकर पाताल में जाना मुनासिब समझा और अमोघ वा ण गुजर जाने के बाद फिर धर