गद्य-साहित्य पर शोधरत विद्यार्थी जानते हैं कि मात्र उपन्यास, कहानी, लघुकथा और नाटक ही गद्य नहीं हैं। गद्य का क्षितिज कथा-साहित्य के आकाश और कथेतर साहित्य की धरा के मिलन से बनता है। आकाश सरलता से दिखाई देता है और धरा के नग अनचीह्ने रह जाते हैं। कथा से इतर वे कथनीय कहन के उद्गार समय की परतों में अकथनीय बन ‘कथ्य-अकथ्य’ पुस्तक में अवतरित हुए हैं।
‘कथ्य अकथ्य’ में ऐसे 30 से अधिक आलेख संग्रहीत हैं जो गद्य की अलग-अलग कथेतर विधाओं के अंतर्गत आते हैं। । पु