You cannot edit this Postr after publishing. Are you sure you want to Publish?
Experience reading like never before
Sign in to continue reading.
"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palपुस्तक का वर्णन करने से पहले मैं "इंस्टेंट पब्लिकेशन" और इसके संस्थापक शिवम् जी को धन्यवाद कहना चाहूंगी क्यूंकि उन्होंने मुझे स्वयं की पुस्तक प्रकाशित करने का अवसर दिया और मेरे सपनों को उड़ान दी।
आपके सामने प्रस्तुत ये पुस्तक "काव्य रचना" मेरे अब तक के जीवन में हुई सभी घटनाओं को साझा करती हुई एक संग्रह है। यह किताब मेरे माता पिता व मेरे प्रियजनों को समर्पित है, ये पुस्तक बाकी पुस्तकों से थोड़ी भिन्न है क्योंकि इसमें सभी घंटनाओं का वर्णन कविता के माध्यम से किया गया है।इस पुस्तक में प्रेम, परिवार ,रिश्ते प्रेरक तथा सच्ची घटनाएं और जिंदगी के उतार-चढ़ाव तथा कई अन्य तरह की कविताओं का भी समायोजन किया गया है इस पुस्तक में कई तथ्यों पर प्रकाश डाला गया है जो अक्सर हमलोग व्यक्त नहीं कर पाते, इन सब के अलावा इसमें प्रेरणात्मक कविताएं हैं जो आपके जीवन को देखने के दृष्टिकोण को बदलने की व आप में सकारात्मक बदलाव लाने की क्षमता रखता है। प्यार के सही मायने व परिवार के मूल्यों को भी इस पुस्तक में दर्शाया गया है। मैं आशा करती हूं कि हमारे पाठकों को ये पुस्तक पसंद आएगी।
शिवानी एम. आर. जोशी
शिवानी एम. आर. जोशी
वह हैं शिवानी एमआर जोशी। वह अहमदाबाद, गुजरात से है और 20 साल की है। वह पेशे से एक शिक्षिका है और एक छात्रा भी। उसने अपनी शिक्षा विज्ञान स्ट्रीम से पूरी की है। उसने लॉकडाउन (19/5/2020) के दौरान लेखन में रुचि विकसित करना शुरू कर दिया और धीरे-धीरे एंथोलॉजी और गणना में भाग लेना शुरू कर दिया। वर्तमान में वह एक परियोजना के रूप में काम कर रही है प्रियन प्रकाशनों में प्रबंधक और सन शाइन प्रकाशन में सह संस्थापक। वह स्मार्टवर्क के साथ कड़ी मेहनत में विश्वास करती है। वह कर्म में विश्वास करती है। उन्होंने एंथोलॉजी बुक्स में कई लेख लिखे हैं और उन्होंने खुद में जुनून की खोज की है और भविष्य में डॉक्टर बनना उनका सपना है। यह उनकी पहली एकल पुस्तक है।
The items in your Cart will be deleted, click ok to proceed.