प्रस्तावना
"काव्यांजलि"
भाव संचरण का मार्ग मौखिक अभिव्यक्ति या लेखनीकृत व्यंजना के द्वारा सुसज्जित होता है। दोनों ही मार्ग सुग्राहय एवं प्रचलन में सर्व-स्वीकार्य हैं।
प्रस्तुत संकलन "काव्यांजलि" लेखनीकृत अभिव्यक्ति की अनुभूत भावों की एक समेकित पोटली है। जिसे खोलने पर कविता के रूप में जीवन के शैशवकाल से लेकर अंतिम पड़ाव तक की यात्रा को यथार्थ रूप से अभिव्यक्त करने का प्रयास किया गया है। हम और हमारा देश ग्रामीण पृष्ठभूमि के सशक्त आधार पर खड़