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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palजहां तक मेरे सोच का प्रकाश पहुंचेगा वहां तक के दृश्य को गर मैं अवलोकित करूं तो पाऊंगा की हर एक मनुष्य के अन्दर कोई न कोई कला अवश्य होती है और जो अपनी कला को पहचान जाता है, बुझने कि कगार में पड़ी कला को दोबारा प्रज्वलित कर देता है वो बहुत दूर तक पहुंच जाता है।
अभिषेक कुमार
मैं अगर आप लोगों को खुद से परिचित कराना चाहूं तो परिचय इस प्रकार से शुरू करूंगा की मेरा जन्म 24 जुलाई 2005 को अपने मौसी जी के गांव मकंदीपुर में हुआ था, किंतु मेरा मूल गांव रूसिया, जो फतेहपुर जिला का एक अखंड हिस्सा है। घर में शुरुआत से ही एक सुंदर सा वातावरण ढलने को मिला। अच्छा सा शिक्षा का वातावरण जो हमेशा मुझे कागज और कलम की तरफ ही आकर्षित करता था। पिता जी के संघर्षों और मम्मी के अनुशासन युक्त आंचल हमेशा कुछ करने की प्रेरणा प्रदत्त करता था।
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