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kuch usase kuch khud se / कुछ उससे कुछ खुद से

Author Name: Muskan Verma | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

यह किताब एक काव्यसंग्रह है एक व्यक्ति , जो मैं नहीं हूँ , पर ऐसा कहना भी गलत नहीं होगा .. कि जो मुड़ा में ही कहीं है , उसके मन के भावों और कल्पनाओं का अब तक के अपने सफर में उसने जितनी कहानियाँ देखी और जी है उन सभी का एक छोटा सा समूह चंद शब्दों , और पंक्तियों द्वारा , इस किताब में संजोकर आप सभी पाठकों के हवाले कर दिया गया है । आशा है आप सभी इसे केवल पढ़ने के लिए नहीं बल्कि इस सफर को , जो कहता है कहानी आप ही के जीवन से जुड़े कुछ किस्सों की , इसे एक नई तरह से अनुभव करने के लिए भी पढ़ेंगे । और यदि इन कल्पनाओं को आप अपने जीवन से जोड़ पाए तो सही मायने में उस व्यक्ति का यह किताब लिखना भी सार्थक साबित होगा ।

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मुस्कान वर्मा

मुस्कान वर्मा , जो अपने छोटे से मन की उड़ान को बादलों के पार ले जाना चाहती हैं , वह दिल्ली विश्वविध्यालय से एक साहित्य स्नातक हैं , जो अब पत्रकारिता और जनसंचार के क्षेत्र में अपनी पढ़ाई पूरी कर रही हैं । इनका जन्म दिल्ली में ही हुआ है । छोटी उम्र से ही लिखने में इनकी खास रुचि रही है । और हर समय इनकी आँखें , कहीं न कहीं , कोई न कोई कहानी टटोलती ही नजर आती ही “ कुछ उससे , कुछ खुद से ” भी ऐसी ही कुछ कहानियों का काव्यसंग्रह है । जीवन और दर्शनशास्त्र को कल्पना से जोड़ने के विचार के साथ , 2022 में , इन्होंने अपने गुरु , डॉ . उत्सव कृष्ण मुरारी के आशीर्वाद से , अपने कुछ मित्रों के साथ , “ सारथी एंटरटेनमेंट " ( फिल्म प्रोडक्शन हाउस ) की स्थापना की । इस टीम का लक्ष्य सांस्कृतिक व अद्वितीय विषयों पर उत्पादन के क्षेत्र में कलात्मकता की एक विरासत का निर्माण करना है ।

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