नमस्ते!
मैं महेश संदिप भोर,
बहोत खुशी हो रही है आप मेरी किताब पढ रहे हो या पढ़ने वाले हो। ईस किताब को लिखने में छोटा सफर हैं जो आप पढ़ोगे तो आपकों पता चलेगा। यह किताब ना मेरे जीवन के आधार पर है ना ही किसी के उपर लिखी हैं। बस एक छोटा सा खयाल इसमें है जो शेर,शायरी,ग़ज़ल और नज़्म के जरीए लिखा है। ज्यादा कुछ नहीं अलग, मैं कोई बड़ा शायर नहीं हूं बस यह छोटी-सी क़िताब का जरीया पेश कर रहा हूं।
आशा करता हूं कि आपको पसंद आए।
धन्यवाद!