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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palजैसे की मुझे एक्टिंग का बड़ा शोख है मै कभी कहानी की निश्चितता में विश्वास नहीं करता मै विश्वास करता हूँ खुद के कहानी में डूब जाने में और अगर कोई लेखक अपने लेख से पाठक को कहानी से जोड़ पाया तो उसे मै कहानी की संज्ञा दूंगा | यूँ तो पहले भी कई बार मैंने कहानी लिखने की कोशिश की है मगर नाकाम रहा क्योकि मुझे लिखने की बड़ी ख़राब लत है इस लिए मै अपने साथ पेन और एक सदा कागज हमेशा रखता हूँ पता नहीं कब ज़रूरत पड़ जाए और फ़ोन तो हमेशा साथ है ही |
मेरे साथ पहले भी कई बार ऐसा हुआ है की कहानी लिखने के लिए शीर्षक दे दिए गए लकिन उसके आगे की कहनियाँ दिमाग में ही रही कभी पन्ने पर नहीं आई वे आज भी उन जड़ संबोधक शीर्षकों में रुकी हुई है |
खैर ये मेरे जीवन की पहली कहानी है आप से अनुरोध है इसे प्यार और इत्मिनान से पढ़े और आपको अच्छी बुरी जैसी भी लगे अपने विचार जरुर साझा करे |
रोहित शुक्ला
रोहित शुक्ला विक्रम विश्वविद्यालय के मैकेनिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट से ग्रेजुएट है | उनकी माने तो उन्हें कविता लिखने का शोख घर से दूर अध्यन के लिए जाने पर लगा और उनके पहली कविता घर पर ही है , लेकिन उन्होंने कभी इसे सीरियसली नहीं लिया |
उनका एक्टिंग के तरफ भी बहुत ही ज़्यादा रुझान रहा है वे जिला स्तर पर एकांकी में विश्वविद्यालय का नाम कर चुके है और विश्वविद्यालय स्तर पर कॉलेज का नाम कर चुके है |
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