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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Pal"मन्नेवार संस्कृति"
ओेमप्रकाश शा. बोने ;बोनगीरेद्ध यह काफी दिनों से मन्न्नेवार आदिवासीयों की परंपरा और संस्कृती का अध्ययन कर रहें है और अध्ययन करते समय जनजातियों से प्रत्यक्ष व्यवहार एंव् सेंसेक्स्, जनगणना, मानव शास्त्र का सर्वे के आधार पर साथ ही प्रचलित आदिवासीयों की चाली रिती, ऐतीहासीक परंपरा ईत्यादीयों की पूष्टी करने के बाद लेखक की यह संकल्पना है की आदिवासीयों की सोच और उनके अपने संस्कारों की जानकारी इन दोनो के बिच यह पुस्तीका एक सेतू की संरचना यह एक मिल के पत्थर के तरह कार्य करेंगी। जिससे की उनके मौलिक अधिकार और असाक्षरता मे सुधार आ सकें।
ओेमप्रकाश शा. बोने
लेखक व्दारा लिखी गयी, मन्नेवार ए ट्राइबल पीपल ऑफ इंडिया, मन्नेवार और मानवशास्त्र, महुआ, मन्नेवार जनजाति के मुहावरें, संस्कारो के मोती, तेलुगु भाषा-लिपी प्रबोधनी आदी सफल पुस्तिका के प्रकाशन के बाद यह पुस्तिका उन लोगों का प्रेरणा स्थान है जो आदिवासी अपने समाज के ऐतीहासीक परंपराओं की धरोवर को संभाल कर रखना चाहते है और अपने आदिवासी होने के अधिकारों के लिये भविष्य मे संघर्ष करेगें। लेखक यह जोतिष शास्त्र के अभ्यासक होते हुये उनका जन्म महाराष्ट्र् के अकोला और कर्मभूमी भुसावल रही है। बचपन से ही वह आदिवासीयों के विभीन्न समस्याओं को समझना और उनके संस्कृती को जीवित रखना, इस पर ही उनकी जिवनी का आधार रहा है। इस संदर्भ मे लेखकने अनेको आदिवासी क्षेत्रो का भ्रमण भी किया है। समाज के सभी छोटे बडे और बुजूर्ग लोगो से चर्चा कर इस पुस्तिका मे विभीन्न संस्कारों को क्रमशः एक माला में पिरों कर इस पुस्तिका में अंकीत किया गया है। वर्तमान मे लेखक यह मन्नेवार जनजाति पर विभिन्न लघू फिल्म के निर्माता - निर्देशक के रुप में कार्य कर रहे है।
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