प्रस्तावना
जिस तरह प्रतिबिंब का मतलब होता है प्रति छाया या परछाई
उसी तरह यह पुस्तक उन कविताओं का संग्रह है जो हमारे समाज की एक परछाई है हमारी बदलती सोच हमारी बदलती आशाएं इस पुस्तक के माध्यम से व्यक्त की गई है।
हमारे आसपास हमारी कल्पनाएं और हमारे विचारों का प्रतिबिंब है ।।