"नया दौर" कई लेखकों को एक एंथोलॉजी है, मगर शीर्षक अपने आप मे सिर्फ एक शीर्षक नही हैं, बल्कि उससे काफी आगे एक कहानी है। हम सब लोग पुराने दौर को बहुत याद करते हैं, मगर नए दौर की बात कोई भी नही करता। नए दौर की नई कहानियां है, नई परेशानियां है, मगर दिल के अल्फाज़ दिल में ही रह जाते हैं। उन्ही अल्फाजों को शायरी और गज़ल में इस किताब में अलग - अलग सह - लेखकों ने व्यक्त किया है। नए दौर के नए किस्से और कहानियों के साथ व्यक्त किया गया बदलता वक्त किस तरह बदला