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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palइस पुस्तक में लेखिका ने अपने विचारों और भावनाओं को शब्दों का रूप दे कर कविता में पिरोया है। यह पुस्तक रिश्ते, प्रेम, मानवता, देश-प्रेम, प्रेरक कविताओं का संकलन है। इस पुस्तक के माध्यम से कुछ सामाजिक मुद्दे जैसे बाल श्रम, दहेज प्रथा, गरीबी जैसे मुद्दों पर भी प्रकाश डालने की कोशिश की गई है। साथ ही आज समस्त मानव जाति जो कोरोना जैसे भयंकर महामारी से जूझ रही है उस पर भी लेखिका ने अपने विचारों को व्यक्त किया है। आज के युग में खोती हुई मानवता जिसने बेजुबान जानवरों, पशु-पक्षियों, पेड़-पौधो के प्रति लगाव को जीवित ही नही रखा है जिसके परिणाम स्वरूप इनका शोषण आज एक आम बात हो गई है। इन सभी हृदयस्पर्शी चीत्कार को लेखिका ने पन्नो पर कविता के रूप में जीवित किया है और पुस्तक 'निशब्द' का निर्माण किया है जो निश्चित ही पाठकों को बहुत पसंद आएगी। अगर एक भी पाठक तक निशब्द के शब्द पहुँच जाए और वो उसके अनगिनत सच्चाई को समझ लें तो लेखिका अपने इस छोटे से प्रयास को सार्थक समझेंगी।
स्वाति चरण पहाड़ी
कुछ ऐसा जुड़ा कलम और कोरे कागज से मेरा नाता,
बस मैं लिखती गई और मुझे पहचान मिलती गई।
लेखिका स्वाति चरण पहाड़ी, गिरिडीह, झारखंड की रहने वाली हैं। इन्होंने अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर की उपाधि ली है। यह लेखिका की पहली पुस्तक है। इसके अलावे लेखिका ने पहले भी कई सारे संकलन में सह-लेखक के रूप में कार्य किया है। कविताएँ लिखने के साथ-साथ लेखिका बहुत अच्छी चित्रकारी भी करती हैं। पुस्तक के कवर पर प्रस्तुत चित्र लेखिका द्वारा बनाया गया है। इसके अलावे लेखिका का यूट्यूब पर अर्थशास्त्र के छात्रों के लिए "Economics Margdarshan" चैनल भी है।
लेखिका का ऐसा मानना है कि हर इंसान में कोई न कोई प्रतिभा छुपी होती होती है। बस अपने अंदर छुपी हुई प्रतिभा को पहचान कर उसे निखारने की आवश्यकता होती है।
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