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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palयह कहानी एक फुटबॉल खिलाड़ी के इर्द गिर्द घूमती है, उसके जीवन का प्यार, संघर्ष, परिवार__ इत्यादि को मध्य नजर रखते हुए लिखी गई है। यह मूल से एक काल्पनिक कहानी है जिसे मैंने आठवीं कक्षा में लिखा था, जी हाँ आप ने सही पढ़ा इस किताब को मैंने आठवीं कक्षा में लिखा था और आज 6 साल बाद भी जब ये किताब आप तक पहुँच रही है इसमें कोई फेर बदल नहीं किया गया है। क्युकी मैं चाहता हूँ की लोग एक नवमी कक्षा में पढ़ रहे विद्यार्थी की मानसिकता जान पाए।
जैसा की आप सब जानते है कि किताब का नाम ‘पायलट’ है, तो इसका ये मतलब नहीं समझ जाईएगा की इसमे किसी पायलट के जीवन के बारे में लिखा हुआ है, नहीं ऐसा बिलहूल नहीं है, अब आप सोच रहे जोनगे की अगर कहानी फुटबॉल पर है तो भला नाम पायलट क्यू, इसका जवाब आपको अध्याय 1 में मिल जाएगा। कहानी ‘प्रवीण’ नाम के पात्र के इर्द गिर्द घूमती नज़र आएगी जो की पेशे से तो फिलहाल विद्यार्थी है पर एक अच्छा फुटबॉल खिलाड़ी भी।
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