‘प्रीत बसेरा’ कवयित्री का दूसरा काव्य संग्रह है। पहले काव्य संग्रह ‘छोड़ चले कदमों के निशाँ’ की सफलता के बाद ‘प्रीत बसेरा’ में वे प्रेम में रची-पगी सी कविताएँ लाईं हैं। प्रेम के सभी रूपों संयोग-वियोग, अनुराग-विराग, उल्लास-वेदना पर ने यहाँ अभिव्यक्ति पाई है। प्रेम में भीगी,कभी आह्लाद से रसीली तो कवि आँसुओं से सीली, आर्द्र मन से उपजी हुई कविताएँ हैं। उसी रस से सराबोर करने हेतु ये मधुर-मृदु कविताएँ आपके समक्ष पुस्तक रूप में प्रस्तुत हैं। ‘प्रीत बसेरा’ के चार सर्गो