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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palओम् सांई राम
दिन में बीसियों बार सोरी कहने वाला पुरुष शायद ही इतनी बार ग़लत होता होगा। सोरी कहने का कारण सिर्फ ये कि किसी का दिल तूटने से बचता है तो सोरी बोलने में हर्ज क्या है !
' आई लव यू ' नहीं बोलता तो ग़लत गिफ्ट नहीं लाता तो ग़लत , घूमने नहीं ले जाता तो ग़लत , कोई स्पेशल डे याद नहीं रखता तो ग़लत , लेकिन अगर वो आपकी आंखों में आंसू नहीं देख सकता तो ???
ऐसी ही कुछ कृतियां पेश है आपके समक्ष जिनमें ये दर्शाने का प्रयास है कि हर बार पुरुष गलत नहीं होता ! की बार परिस्थितियों के आधिन हो वह जो काम करता है उसे हम अपनी दृष्टि से जैसा देखा वैसा बयान कर दिया । मेरा यह मानना है कि स्त्री के मन को समझना कोई मुश्किल नहीं , दुविधा तो तब हो जब पुरुष को समझना हो । क्योंकि दिल खोलकर न रोना उसे आता है न बोलना । शायद उसके पास समय ही नहीं खुद से मिलने का ।
यह पुस्तक समाज के दो आधार स्तंभ एक दूसरे से किस प्रकार सामंजस्य बनाकर चल रहे हैं और पुरुष की अच्छाइयों पर ध्यान केंद्रित कर के लिखी गई है ,एक नई सोच के साथ । धन्यवाद
दीपिका मानवानी
परिचय
ॐ साईं राम
लेखन की शुरुआत मैंने उस समय की जब मै नववी कक्षा मे थी। लेखन मेरे शौख तक ही सिमित था। मै जो कुछ भी देखती उसे लिखना मेरा नित नियम बन गया। कभी कभी कल्पनाओ का भी समावेश किया है। एक साधारण ग्रहणी होने के नाते मेरी लेखनी मे परिवार का उल्लेख अधिक देखने को मिलेगा। यहाँ आप मेरे द्वारा रचित कविताएं एवम कहानियाँ देख सकते हैँ। यह पुस्तक लिखने के पीछे उद्देश्य है, खुद से खुद का परिचय। आशा करती हूं आपको मेरी लेखनी मुझसे जोड़ पायेगी। आपके ह्रदय को स्पर्श करने में सक्षम हुई तो मेरी लेखनी सार्थक है।
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