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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palयह पुस्तक महातेजस्वी पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम और उनके जन्मस्थान अयोध्या के लगभग 7000 वर्ष प्राचीन पुरातात्विक - प्रामाणिक सांस्कृतिक इतिहास का श्रमशील शोधपूर्ण 40 वर्षों के अध्ययन,मनन,चिंतन एव़ अनुशीलन का मीठा प्रतिफल है। श्रीराम का महान धवल चरित्र स्वर्गिक आनन्द की सुखमय अनुभूति प्रदान करता है। कोटि कोटि सनातनियों के हृदय सम्राट श्रीराम हमारे तन,मन में रच पच गए हैं। इसमें श्रीराम के जीवन और उनके आदर्शों का विस्तृत वर्णन,जो पच्चासों देश की प्राचीन संस्कृति,साहित्य, कला के साथ साथ व्यवहारिक जन जीवन का अंग सदृश है।बारूद की ढेर पर बैठी दुनियाँ का एकमात्र समाधान है और वह है भारतीय संस्कृति, हिन्दू धर्म एव़ं आध्यात्म। सम्पूर्ण विश्व शान्ति की खोज में त्राहिमाम् त्राहिमाम् कर रही है।ऐसी भयंकर त्राषदी काल में श्रीराम की गाथा ही रामवाण सदृश अमृत है।निस्संदेह पुस्तक की महत्वपूर्ण भूमिका सामयिक है।पुस्तक में अयोध्या के विभिन्न ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों का भी सांगोपा़ग वर्णन है,जो विगत दो सौ वर्षों के वैज्ञानिक सर्वेक्षण,उत्खनन पर आधारित तो है ही साथ साथ विश्व की लगभग सभी भाषाओं में उपलव्ध प्राचीन एवं आधुनिक साहित्य एव़ं सांस्कृतिक इतिहास में आप्लावित है।देवों की स्वर्गिक भूमि अयोध्या की मिट्टी एवं पावध सरयू की अमृतमय धारा सत्य में प्राणवायु प्रदान करने वाली है। इसीलिए यह विश्व स्तरीय महत्वपूर्ण सांस्कृतिक,धार्मिक एवं आध्यात्मिक केंद्र है।पुरातात्विक साक्ष्य और अनेकानेक प्रकांड विद्वानों के शोध से सत्यत: यह स्वर्ग नगरी सी ही है।श्रीराम लला मंदिर में रामलला के भव्य विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के सोभाग्यशाली शुभावसर पर देश विदेश के लाखों लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन लाभ का शुभ फल चखा।
शार्डंगधर सिंह परिहार
शार्डंगधर सिंह परिहार, बिहारी - जमुई (जम्भिक) बिहार। शिक्षा: एम़. एस़़. सी़, बी़. एल. पी़ सी़ एस़, उ़. न्यायिक सेवा(झारखंड), अध्यक्ष नगरपालिका, वरीय अधि, इतिहासज्ञ।
पुस्तक प्रकाशित:
1. प्राचीन क्षत्रियों के साथ इतिहासकारों का अन्याय
2. भारतवर्ष का सांस्कृतिक इतिहास
3. भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम एवं गणतंत्र भारत की दिशा व दशा (ल)
4. विक्रमादित्य महान - चन्द्रगुप्त - 2 से भिन्न (ल)
5. लक्षमण वंशी त्रेता युगीन प्रतिहार क्षत्रियों का इतिहास (ल)
6. असफल गणतंत्र का दोषी-- न्याय व्यवस्था
7. प्राचीन सूर्य एवं चन्द्र वंशी क्षत्रियों का इतिहास।
कहानी एवं कविताऐं -50 ( अप्र)
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