स्वातंत्र्योत्तर हिंदी साहित्य में रघुवीर सहाय के अद्वितीय लेखन का महत्त्वपूर्ण स्थान है। उन्होंने साहित्य की लगभग सभी विधाओं पर गंभीरता से लिखा है। वे व्यापक अर्थों में साहित्यकार हैं उनके साहित्य का प्रयोजन कालातीत है। उनके लिए साहित्य उनके शब्द और कर्म दोनों में रचा बसा है। साहित्य की आधारभूमि पर स्थित रहकर वे राजनीति, समाज, कानून, इतिहास, संस्कृति, आर्थिक विकास आदि सभी क्षेत्रों में भ्रमण करते हैं। उनके कविता संग्रह ‘लोग भूल गए हैं’ को साहित्य अकादमी पुरस्