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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palनहीं रखा ध्यान हमने प्रकृति का,
तभी तो आज घुटना पड़ गया
वायरस संक्रमण तो बस बहाना है,
गुस्सा प्रकृति का "कोरोना" जिद्द पर अड़ गया।
सच ही तो है अपनी इस पुस्तक की एक कविता में कोरोना को मैनें "प्रकृति का गुस्सा" की संज्ञा दी है। हमनें ही तो प्रकृति का मान करना छोड़ दिया है या कहूं कि प्रकृति की साज संभार करना व्यस्तता की वजह से भूल गये हैं। शायद इसी वजह से हमें रोज नई नई बिमारी, वायरस और प्राकृतिक आपदाओं से लड़ना पड़ रहा है। किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था कि ऐसे भयानक कोरोना वायरस का हमें सामना करना पड़ेगा।
इस कोरोना काल में सब रूक रूक सा गया था। सबकी जिन्दगी सुस्त और स्थिर हो गयी थी या यूं कहूं कि चलता फिरता इंसान एक लाश बन गया था। दिन रात मेहनत कर इंसान ने स्वयं एवं परिवार के रहने के लिये घर बनाया तथा कोरोना ने इसी घर में इंसान को कैद कर दिया। सभी को घुट घुट कर जीने को मजबूर कर दिया। इस भयंकर परिस्थिति में भी आवश्यक सेवाओं से संबंधित समस्त कर्मचारियों जैसे रक्षा, बैंक, स्वास्थ्य इत्यादि ने हम सबकी रक्षा के लिये कोरोना योद्धा बन कर अपनी सेवाएं दी हैं।
मैं हृदय तल से समस्त कोरोना योद्धाओं का धन्यवाद करती हूं, जो अपनी और अपने परिवार की जान जोखिम में डालकर हमारे लिये डटे रहे। इसी कोरोना काल लॉक डाउन की अवधि में मैनें अपनी इस पुस्तक को पूर्ण किया है, जिसमें मैनें कविता रूप में अपने विचारों को उतारा है। भगवान से बस यही दुआ करती हूं कि सम्पूर्ण संसार को इस महामारी से शीघ्र ही निजात देकर हमारी दिनचर्या को दोबारा पहले जैसा बना दे।
डॉ मीनू पूनिया
डॉ मीनू पूनिया, Rajesh Poonia
नाम डॉ मीनू पूनिया, अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी, गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर, बैंकर
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