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Shubhash Chandra Interview In 2022 Color / सुभाष चंद्र इंटरव्यू 2022 में Color

Author Name: Mr Vivek Kumar Pandey | Format: Paperback | Genre : Literature & Fiction | Other Details

एक छोटा सा इंटरव्यू सुभाष चंद्र बोस जी का। बहुत ही खास रहा ये इंटरव्यू । जो लोग सुभाष जी को भूल गए हैं उन्हें सुभाष जी वापस याद कराने आए। आखिर कौन है सुभाष चंद्र बोस। उन्होंने देश के लिए क्या किया । इस किताब को लिखने के दौरान कोई भी व्यक्तित्व , समाज एवं संस्कृति को ठेस नहीं पहुंचाया गया है। इस किताब को लिखे हैं श्री विवेक कुमार पांडे शंभूनाथ जी ने । This Book Fully Color Editions.

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विवेक कुमार पांडे शंभूनाथ

 मेरा नाम विवेक कुमार पांडे  है और मैं एक लेखक हु , में गुजरात के सुरत में निवास  करता हूं.मेरा जन्म ३० सेप्टेंबर २००२ में हुआ था, और मुझे बचपन से एक्टर बनने का सोख रहा है और अभी भी है.। में कभी ये नहीं सोचता की लोग क्या कर रहे हैं में ये सोचता हूं कि में क्या कर रहा हूं, में आज सफल हूं तो अपने पापा की वजह से आज वो रहते तो उन्हें बहुत खुशी होती , वो सदा और हमेशा मेरे साथ रहेंगे.। मेरे रियल लाइफ के सुपरस्टार और सुपर हीरो मेरे प्यारे पापा है । आई लव यू पापा । पापा को मेरे हाथ कि चाय बहुत अच्छी लगती थी ।


 जब उनका मन करता था चाय पीने के लिए तो वो कहते थे । मुझे चाय पीना है कौन बनाएगा मम्मी कहती में बना देती हूं लेकिन पापा कहते नहीं मेरा बेटा बनाएंगा । उसके हाथ कि चाय मुझे बहुत अच्छा लगता है । जब भी काम करके घर आने वाले होते हैं तब मुझे फोन ‌करते है विवेक बेटा बोलो क्या खाओगे सेब ले लु । में कहता ठीक है पापा ले लिजिए । पापा कहते कितना लू ‌एक किलो या 2 किलो ‌। में कहता नहीं पापा सिर्फ में ही खाता हूं भईया और दीदी को फल अच्छा ही नहीं लगता है इसलिए 3 सेब ‌ले लेना । लेकिन पापा मेरे लिए दो तीन किलो फल लेकर आ ही जाते थे । पहले ले ‌लेते फिर मुझे फोन करते । हमेशा ऐसा ही करते थे । 


में ये नहीं कह रहा हूं कि मुझे बहुत ज्यादा प्यार और मानते थे । वो ‌अपने तीनों संतानों को प्यार करते थे । सबसे छोटा तो में ही था घर में , मुझसे बड़ी मेरी बहन और मेरी बहन से भी बडे मेरे भईया । में आज भी वो दिन का इंतजार कर रहा हूं जब पापा मेरे लिए कुछ लेकर आएंगे । मेरे कान तरस रहे है वो आवाज़ सुनने के लिए । लेकिन कहते हैं जो चीज चली जाए वो ‌कभी लौटकर नहीं आती है । आप सभी से निवेदन है आप अपने मम्मी और पापा का ध्यान रखें ।‌ दुनिया में एक ही भगवान है वो है माता ओर पिता । 


में बहुत ही शरारती था बचपन में । मुझे किताब लिखने का शोख बचपन से ही था । जब में तीसरी कक्षा में पढ़ता था । तब से ही किताब लिखता था में और मेरा दोस्त हम दोनों किताब लिखके सभी को दिखाते थे और कहते थे जिन्हें मेरा किताब अच्छा लगे तो अपना हस्ताक्षर कर दे । मेरे अंदर एक बहुत ही खास विशेषता है में किसी के चक्कर में नहीं रहता हूं । कौन क्या कर रहा है करने दो मुझे कुछ फर्क नहीं पड़ता है । मुझे सिर्फ अपने आप पर ध्यान देना है । 


क्योंकि दुनिया में ऐसे भी लोग हैं जो नहीं खुद कुछ करना चाहते हैं और नहीं दुसरो को कुछ करने देना चाहते हैं । एक बात ध्यान रखें अगर आप कोई भी नया काम करते हैं तो पहले लोग ताना मारते ही है । ये मत करो वो मत करो तुम्हारे बस कि बात नहीं है , तुम नहीं कर सकते हो . मुझे यह पता नहीं चलता लोग इतना सुझाव क्यों देते हैं । हमें जो करना है हम वहीं करें

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