Share this book with your friends

Stavan / स्तवन

Author Name: Gyanbharti Sadhvishriji Dr.bhavyanandji M.sa. | Format: Paperback | Genre : Others | Other Details

जैन धर्म एक अत्यंत महत्वपूर्ण धर्म है जो समस्त भारतीय धर्मों के साथ साथ विश्व के अन्य धर्मों के लिए भी एक महत्वपूर्ण स्रोत है। जैन धर्म पर आधारित बुक, जैन भगवान के स्तवन  का संग्रह, स्तवन  एक ऐसी पुस्तक है जो जैन धर्म के महत्व को समझने में मदद करती है।

जैन धर्म के महानुभावों ने अपनी जीवनी में अत्यंत साधुता दिखाई है। इनका जीवन एक ऐसी मिशाल है जो हमें सच्ची धर्म की प्रेरणा देती है। इस पुस्तक में, जैन धर्म के महानुभावोंकी आराधना हेतु स्तवन संग्रह हे।    

इस पुस्तक में, 24 तीर्थकारों के स्तवन का  वर्णन है, जो जैन धर्म के महत्वपूर्ण प्रतीक हैं। इनके जीवन का वर्णन है, जो हमें सच्ची साधुता का पाठ पढ़ाता है। इस पुस्तक में जैन भगवानों के गुणों का वर्णन है, जो जैन धर्म के महत्व को समझने में मदद करता है।

इस पुस्तक में जैन धर्म के महानुभावों के जीवन का विस्तृत वर्णन है, जो हमें सच्ची साधुता का पाठ पढ़ाता है। इस पुस्तक में 24 तीर्थकारों का वर्णन है, जो जैन धर्म के महत्वपूर्ण प्रतीक हैं। इस पुस्तक में जैन भगवानों के गुणों का वर्णन है, जो जैन धर्म के महत्व को समझने में मदद करता है।

इस पुस्तक का अध्ययन करने से हमें जैन धर्म के महत्व को समझने में मदद मिलती है। इस पुस्तक को पढ़कर हम जैन धर्म के महानुभावों के जीवन का विस्तृत वर्णन, 24 तीर्थकारों का वर्णन, और जैन भगवानों के गुणों का वर्णन समझ सकते हैं।

Read More...
Paperback

Ratings & Reviews

0 out of 5 ( ratings) | Write a review
Write your review for this book
Paperback 585

Inclusive of all taxes

Delivery

Item is available at

Enter pincode for exact delivery dates

ज्ञानभारती साध्वीश्रीजी डॉ.भव्यानंदजी म.सा.

ज्ञानभारती साध्वीश्रीजी डॉ. भव्यानंदजी का बचपन संसार से परे हुआ। उनके परिवार में जैन धर्म के प्रति बहुत गहरा आसक्ति थी। साध्वी श्री के पिता भी एक प्रतिष्ठित जैन समाज के सदस्य थे। उन्होंने साध्वी श्री को बचपन से ही जैन धर्म के बारे में शिक्षा दी थी। साध्वी श्री का बचपन संसार से परे होने के कारण, उनके परिवार में वे अपने आप में एक अलग माहौल में ही रहती थीं।

साध्वी श्री ने अपनी प्राथमिक शिक्षा पूरी की। उन्होंने मैट्रिक परीक्षा पास की। उन्होंने अपनी शिक्षा के लिए जयपुर में स्नातक और स्नातकोत्तर की पढ़ाई की।साध्वी श्री के परिवार में संन्यास का परंपरागत संस्कार होता है। साध्वी श्री के परिवार में भी संन्यास का परंपरागत संस्कार था। साध्वी श्री ने अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद, संन्यास प्राप्त करने का निर्णय लिया।

संन्यास प्राप्त करने के बाद, साध्वी श्री भारत में घूमती रहती हैं। साध्वी श्री का जैन आगमों का बहुत बड़ा ज्ञान है। साध्वी श्री ने जैन धर्म के महत्वपूर्ण पहलुओं पर आधारित 'स्तवन ' किताब लिखी है।

साध्वी श्री के पास ५० सालों का जैन धर्म के ज्ञान का खजाना है। साध्वी श्री ने अपने जीवन में बहुत से लोगों को जैन धर्म के महत्व को समझाया है। उन्होंने भारत के अलग-अलग हिस्सों में जैन धर्म की प्रचार-प्रसार की भी काफी मदद की है।

साध्वी श्री का जीवन संसार से परे है, और वे सदा जैन धर्म के प्रचार-प्रसार में लगी रहती हैं। साध्वी श्री के जीवन में संन्यास का निर्णय लेना, उनके जीवन का सबसे महत्वपूर्ण पल है। संन्यास के बाद साध्वी श्री ने अपने जीवन को समर्पित कर दिया है, जैसा कि उन्होंने संसार से परे होने के कारण उन्हें ऐसा ही करना था।

साध्वी श्री के जीवन में संन्यास का परंपरागत संस्कार होने के बाद, उन्होंने अपने जीवन को संयम और तपस्या में समर्पित कर दिया है। साध्वी श्री ने जैन धर्म के महत्वपूर्ण पहलुओं पर आधारित 'स्तवन ' किताब लिखी है, जो जैन धर्म के महत्वपूर्ण पहलुओं पर आधारित है।साध्वी श्री का ५० सालों का जैन धर्म के ज्ञान का खजाना है। साध्वी श्री के पास जैन आगमों का बहुत बड़ा ज्ञान है। साध्वी श्री ने अपने जीवन में बहुत से लोगों को जैन धर्म के महत्व को समझाया है।

Read More...

Achievements

+1 more
View All