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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palइस किताब में पल-पल बदलते रिश्तो को उजागर किया गया है। इसमें केवल मन बहलाने के लिए लिखी गई पंक्तियां नहीं है बल्कि आसपास के अवलोकन एवं पूर्णतः भावनात्मक रूप से की गई रचनाएं हैं
मैने अपने हिसाब से स्त्री की स्थिति एवं पुरुषों की भावनाओं को भी लिखने का प्रयत्न किया है।
माता-पिता, बेटा-बेटी, प्रेमी-प्रेमिका एवं दोस्त सभी के रिश्तो के बारे में मैंने अपनी अनुभूति एवं भावनाएं व्यक्त की है।
इसके अलावा जो मैं अपने आसपास दिखती आ रही हूं उन स्थतियों का भी जिक्र मेरे द्वारा इस किताब में किया गया है।
मैंने अपनी कुछ भावना 'जो मैं शायद ही कभी किसी के सामने व्यक्त कर पाती' एवं कुछ सामाजिक स्थितियों को भी लिखने का प्रयत्न किया है।
सुहानी कलावत
लेखिका- सुहानी कलावत
मां का नाम- श्रीमती ऊषा कलावत
पिता का नाम- स्वर्गीय श्री सुनील कलावत
उम्र 16 वर्ष
मैं मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले के छोटे से गांव खरैह की निवासी हूं। वर्तमान में मैं कक्षा दसवीं की छात्रा हूं और जवाहर नवोदय विद्यालय पनघटा नरवर 'शिवपुरी' में अध्ययन करती हूं। मैंने 2 महीने पहले ही लिखना शुरू किया है। इस किताब में लिखा एक एक शब्द हमारी जिंदगी से कहीं ना कहीं जुड़ा हुआ है। यह मेरी पहली किताब है जिसमें मैंने जिंदगी के एहसासों को लिखा है। इस किताब का हर नया पन्ना आपको एक नई हकीकत से रूबरू करवाएगा। अपने आसपास की अनुभूति के साथ-साथ मेरी डायरी के कुछ पन्ने भी मैंने इस किताब में खोले हैं। कविता मन की बात जाहिर करने का सबसे आसान तरीका है। मैंने भी अपनी जिंदगी के कुछ ऐसे पहलू लिखे हैं जो मैं शायद कभी किसी के सामने बयां ना कर पाती। मेरे पापा के बाद हम तीनों (बड़ा भाई, छोटी बहन, और मैं) को मेरी मां ने ही संभाला है और मेरी मां ही मेरी प्रेरणा का स्रोत है। इस किताब को पूरा करने में संस्थापक महोदय रोहित शर्मा जी ने मेरी बहुत मदद की है उनको मैं दिल से धन्यवाद करती हूं।
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