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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palदूनियाँ की परिधि समिति है समाज, बन्धिशे,कलंक, अफवाह, इत्यादि ,अक्सर सभी कहते है कि दूनियाँ प्रेम से चलती है इस सृष्टि को प्रेम से ही चलाया जा सकता है । लेकिन जब बात प्रेम - विवाह कि आती है तो यह बन्धन, रीति-रिवाजों, जातिवाद सब आ जाते है बीच मे और प्रेम रह जाता है बस नाम का उस वक्त कोई यह नही कहता है कि बात प्यार की है या सब शान्ति से सुलझा दिया जाये।
उस वक्त नजर आती है प्रतिष्ठा,मान - सम्मान और स्वाभिमान और यह भी सब लिखे गये है लड़कीयो के हिस्से अब इन्हे कोई यह नही समझा सकता की उस लड़की ने प्रेम एक लड़के से ही किया है वो किसी लड़के के साथ सम्बन्ध बनाकर ही बिन ब्याही माँ बनी है । लेकिन नजर आती है सिर्फ वो बेबस लड़की जिसपे समाज,रिश्तेदार चाहे कुछ भी बोल दे वो खामोशी से सुन लेगी और पी जायेगी एक युद्ध की त्रासदी जैसा अपमान का घुट अब सोचने की बात यह है, कि जब हम प्रेम को स्वीकार नही कर सकते । उसे समाज से,दूनियादारी से ऊपर नही रख सकते तो फिर प्रेम जैसे पवित्र शब्द का खोखला गुणगान करना व्यर्थ है।
राधाकृष्णन,हीर - राँझा,रोमियो - जुलियट ऐसी न जाने कितनी ही अमर प्रेम कहानियाँ हुई है मगर यह सब रही है अधुरी आखिर क्यो ?
इसका सीधा सा जवाब है "हम सब " जब हम किसी बात को मान नही सकते उसका साथ नही दे सकते तो फिर हम दुसरो को यह क्यो कहते है कि ऐसा होने दो या यह हो जाने दो माना कि प्रेम मे कुछ सीमाएँ निश्चित की जाती है । लेकिन प्रेम को अस्वीकार करना यह तो गलत है हमारा समाज सिर्फ आधुनिक होने का दिखावा करता है।
अनिता रोहलन
अनिता रोहलन(आराध्यापरी) नई हिन्दी की सुदृढ़ लेखिका है। इनका जन्म राजस्थान के नागौर जिले के लाछड़ी गाँव मे 2002 मे हुआ । इनकी प्रारम्भिक शिक्षा अपने गाँव मे ही हुई और इन्होंने B.A की पढाई श्रीमती मोहरी देवी तापड़िया कन्या महाविद्यालय, जसवनतगढ (लाडनूँ) से की है और अभी यह PG कर रही है श्री गणेश कालेज गनेड़ी (सीकर)से है। यह स्कुल व काँलेज टाँपर भी रह चूकी है इन्होंने कराटे मे रेड बेल्ट व ताइक्वांडो मे येलो बेल्ट है, इन्हे लिखना बेहद पसन्द है।
इन्होंने लिखना 2018 मे शुरू किया था, यह सामाजिक बदलाव और हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है, इनकी 100 एंथोलोजी में कविताएँ प्रकाशित हो चूकी है इनकी प्रथम स्वरचित पुस्तक ‘सफर_ए_जिंदगी’ (ख्वाइशों के नाम) है, अब यह इनकी दुसरी किताब है ‘तेरी आराध्या’ जिसमे प्रेम कविताएँ लिखी गई है।
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