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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Pal"अरे रिक्शा...! रिक्शा... अरे रिक्शा! जरा रुको तो। तुम्हें जरा भी कदर नहीं। मैं परेशान दौड़ते हुए तुम्हारे रिक्शे की तरफ आ रही हूं और तू है कि भागता ही जा रहा है।" कहते-कहते 42 साल की पहाड़ की जैसी भारी औरत उसके सामने आकर खड़ी हो गई। सादिक चुपचाप रिक्शा से उतर गया और उस औरत को बैठने का इशारा किया।
"हां हां चल ठीक है। मैं बैठती हूं। मगर यह मेरा सामान...।"
सुभाष श्याम सहर्ष
सुभाष श्याम सहर्ष
देश - भारत
लेखन- साहित्यिक
शिक्षा - कशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी (उत्तर प्रदेश) से अंग्रेज़ी साहित्य से स्नातकोत्तर की उपाधि व आपने अनुवाद में भी डिप्लोमा का कोर्स किया है।
आपने अब तक इक्यावन(51) से ज़्यादा किताबें लिख दी हैं। आप शिक्षण के साथ-साथ बच्चों के लिए भी किताबें लिखने में रूचि रखते हैं। आपकी कोशिश हमेशा से बच्चों को नयी सोच प्रदान करना रहा है। इसके साथ ही आप उनके मनोरंजन का भी पूरा धयान रखते हैं। आने वाली पीढ़ी हमेशा से आपका आभारी रहेगी। आपके लेखन में हमेशा ही ताजगी, साहस और उत्साह की प्रधानता रहती है।
प्रमुख पुस्तकें: भुलक्कड़ भैया,मेरी दुनिया मेरे गीत,मौज़े-नफ़स,नए पत्ते-काव्य यात्रा,आदि दी एंजेल ऑफ़ बनारस,गुलफिशाँ,MASTER YOUR TENSE,भेड़िये की आवाज़ आदि हैं।
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