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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palकुसुम बचपन से महसूस करती आयी है कि मां अकेली है। सभी रिश्तेदारों और उनके पति ने परित्याग किया। स्वंय उसने भी मां की तरह एकाकी जीवन व्यतीत किया। कुसुम के मन में जिज्ञासा है कि उसके पिता ने मां से प्रेम विवाह करके तलाक क्यों लिया? मां की कहानी जानकर उसकी धारणा बदलती है और उसमें प्रतिरोध की भावना जागृत हो जाती है ।इस कार्य हेतु किसी भी साधन का प्रयोग करने में झिझकती नहीं है। रिश्ते बनाने में समलैंगिक व्यवहार को अपनाने में भी उसे शर्म नहीं आती है। कुछ समय के साथ रिश्तों की अहमियत समझ आने पर उसके विचारों में परिवर्तन आ जाता है और वह कोशिश करती है कि रिश्तों में मधुरता बनी रहे।
ललित मोहन जोशी
श्री ललित मोहन जोशी उच्च शिक्षा से सम्बन्धित रहे है। उन्होंने प्राध्यापक और प्राचार्य के पद पर उत्तर प्रदेश के विभिन्न राजकीय महाविद्यालयों में अपना योगदान दिया है। वह २०१७ में राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय ज्ञानपुर भदोही से प्राचार्य पद से सेवानिवृत्त हुए थे। उनकी शिक्षा उत्तराखंड के नैनीताल जिले में हुयी थी। राजनीति विज्ञान उनके अध्ययन और अध्यापन का विषय रहा है। उनके कई लेख विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके है। साथ ही फेसबुक में कहानी समूहों में भी कहानियां प्रकाशित होती रहती है।
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