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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palयह पुस्तक स्नेह के साथ अपनी मां( प्रेमदा झा )और अपनी नवासी (आर्याही रविराज ) को समर्पित है।
बुजुर्ग मां की धैर्य,स्थिरता और आशीर्वाद ने कदम कदम पर मेरा साथ दिया एवम घर की सबसे छोटी सदस्य का चुलबुलापन और बचपना मुझे मेरा बचपन याद दिला मेरे अंदर नव संचार जागृत किया।
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Your review has been deleted and won’t appear on the book anymore.रंजना झा
लेखिका का नाम "रंजना झा" है। आप जमशेदपुर झारखंड राज्य के रहने वाली हैं। मूल रूप से आप मधुबनी बिहार की है। आपको हिंदी साहित्य में स्नातकोत्तर की उपाधि मिली है।आप पेशे से एक शिक्षिका हैं।
आपको अपनी रोजमर्रा की जीवन से जुड़े अच्छे-बुरे,छोटे-बड़े,हल्के-फुल्के घटनाओं को लेखनी से चित्रित करना अच्छा लगता है। रोमांटिक काव्य लिखना आपकी कमजोरी है।
इसके अलावा आपकी रुचि मधुबनी पेंटिंग में भी है। आपने अपनी पेंटिंग में रामसीता, राधा कृष्ण और ग्रामीण पर्व त्योहारो को बखूबी उतारा है।
साहित्य में शुरू से ही आपकी रुचि रही है। आपने तकरीबन 500 से ज्यादा काव्य रचनाएं और 20 से ज्यादा आर्टिकल्स लिखीं हैं।
आपने अपने काव्य को सरल पद्धति से लिखकर, काफी लोगों को काव्य के प्रति रुझान करने को बाध्य किया है
अपनी कविताओं में सरल शब्दों का प्रयोग कर सहज बनाना आपकी खूबी है। इन्हें कई प्रकार के प्रमाण पत्र से नवाजा भी गया है। किताबों से इनकी पुरानी दोस्ती है।
मनु भंडारी,अमृता प्रीतम, हरिवंश राय बच्चन, महादेवी वर्मा, सुभद्रा कुमारी चौहान, प्रेमचंद, कृष्णा सोबती और जैनेंद्र इनके पसंदीदा लेखक हैं।
सकारात्मक सोच रखने में विश्वास करती हैं। इनका मानना है कि जुबां पर सरस्वती का वास होता है इसलिए हमेशा अच्छी और पॉजिटिव बात ही करनी चाहिए।
लेखन और पाठन से संबंधित प्रतियोगिताओं में भाग लेने में उत्सुक रहती हैं। कला इनकी पहचान है।
लिखने से इन्हें संतुष्टि और सुकून मिलता है।
इनका मानना है कि लेखनी ऐसी कूंजी है तो लोगों तक पहुंचकर दिलों का तार जोड़ती है। ये ऐसा माध्यम है जिससे अपने विचार व्यक्त कर लोगों को समझाया जा सकता है।अलग अलग विषयों पर लिखना बेहद पसंद है।
विश्वास और अपना परिवार इनकी सबसे बड़ी ताकत है।
नृत्य, संगीत ,बुनाई, कढ़ाई, कुकिंग, पेटिंग और लेखन में अत्यधिक रूचि ही इनके रचनात्मक स्तर को ऊंचा बनाए रखने में मदद करता है।
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